अनाज कालाबाजारी में पांच कोटे की दुकानें निलंबित
गोंडा : अनाज कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए डीएम आशुतोष निरंजन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मंगलव
गोंडा : अनाज कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए डीएम आशुतोष निरंजन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मंगलवार को पांच कोटे की दुकानें निलंबित कर दी गई। साथ ही कोटेदारों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इन कोटेदारों पर 60 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। डीएम ने पूर्ति निरीक्षकों से कोटेदारों से अनाज की रिकबरी करने का निर्देश दिया है। इस कार्रवाई से कोटेदारों में खलबली मच गई है। वही पूर्ति निरीक्षक भी सहमे नजर आ रहे हैं।
जिले में 1390 कोटे की दुकानें हैं। इन दुकानों से करीब पौने छह लाख कार्डधारकों को अनाज का वितरण किया जा रहा है। अनाज वितरण के लिए अफसरों की टीम मुस्तैद की गई। बावजूद इसके अनाज कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लग पा रहा था। डीएम ने पर्यवेक्षणीय अधिकारियों की निगरानी में अनाज वितरण का निर्देश दिया। जिसमें अनाज वितरण में धांधली की कलई खुल गई। डीएसओ विमल शुक्ल ने बताया कि डीएम के निर्देश पर पंडरी कृपाल विकास खंड भटवलिया के कोटेदार हनुमान प्रसाद, झंझरी विकास खंड के मोहम्मद नियाज, हलधरमऊ विकस खंड के बमडेरा कोटेदार ऊषा देवी, भैरमपुर की जैनब व बटौरा लोहांगी के कोटेदार धनलाल की दुकान निलंबित कर दी गई है। साथ इन कोटेदारों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि कर्नलगंज, सदर व तरबगंज तहसील में कोटेदारों पर 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। दो दुकानों के अनुबंध पत्र निरस्त कर दिए गए हैं। डीएम आशुतोष निरंजन ने बताया कि कोटेदारों से अनाज की रिकबरी करने के लिए पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है। रिकवरी न करवा पाने वाले पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति कर दी जाएगी।