जहां चाह, वहां शिक्षा की राह आसान
गोंडा :जज्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। पढ़ें बेटियां, बढ़ें बेटियां के नारे को साकार करने के लि
गोंडा :जज्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। पढ़ें बेटियां, बढ़ें बेटियां के नारे को साकार करने के लिए गांव की गलियों तक में गए। घर-घर दस्तक दी। प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा पांच उत्तीर्ण छात्रों की सूची ली और अभिभावकों से मिलकर शिक्षा के महत्व की जानकारी दी। फोन पर बात की। यही नहीं, अभिभावक रजिस्टर बनाया और अनवरत प्रयास जारी। आज गांव में कोई ऐसी लड़की नहीं जो स्कूल न जाती हो।
यह सब कुछ कर दिखाया प्रधानाध्यापक राकेश मिश्र के जज्बे ने। वर्ष 2015 में बेलसर शिक्षा क्षेत्र के बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय ऐली परसोली डीहा में उन्हें तैनाती मिली। जिस वक्त उन्हें तैनाती मिली थी, उस समय स्कूल में ऐली डीहा के मात्र 8 बच्चे पढ़ाई करते थे। विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने की चुनौती स्वीकार करते हुए उन्होंने अभियान चलाया। खुद घर-घर दस्तक दी। जागरूकता रैली निकाली। विद्यालय में छोटी प्रयोगशाला बनाई। महापुरुषों की फोटो के साथ विद्यालय की दीवारों को सुंदर चित्रों के साथ आकर्षक बनाया और अच्छे अच्छे स्लोगन लिखे गए। आज विद्यालय में 71 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अब विद्यालय में महापुरुषों की जयंती मनाई जाती है। शिक्षा को रुचिकर बनाने के लिए विषय से संबंधित चार्ट बनाकर व सहायक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। बच्चों को पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो इसके लिए खुद के पैसे से एक छोटी प्रयोगशाला बनाई गई है। प्रत्येक सुबह प्रार्थना के बाद योग कक्षा के साथ विद्यालय खुलता है। प्रेरक प्रसंग और देश दुनिया में क्या हो रहा है इसकी जानकारी के साथ सामान्य ज्ञान, योग-व्यायाम की शिक्षा भी दी जाती है। माह के अंतिम शनिवार को बच्चों का जन्मदिन मनाया जाता है। बच्चों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चों की सरकार बनी है। जिसमें स्वच्छता समिति, अनुशासन, समय पालन व सांस्कृतिक समिति के माध्यम से बच्चों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिस की निगरानी विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक दुर्गेश कुमार मिश्र करते हैं। हर माह समिति के सदस्यों को बदल दिया जाता है। बकौल राकेश मिश्र शिक्षा का स्तर सुधार कर ही युवा पीढ़ी को नई दिशा एवं दशा प्रदान की जा सकती है तथा स्वावलंबी बनाया जा सकता है।
तैयार की बागवानी
-विद्यालय को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए बच्चों के सहयोग से बागवानी तैयार की गई। बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के साथ पौधों के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। पौधों के वानस्पतिक नाम एवं उनके गुणों की जानकारी दी जाती है। यहां पर गुड़हल, पाम और विभिन्न प्रकार के पुष्प से बागवानी को सजाया गया है।
ये हैं समस्याएं
-विद्यालय में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप से दूषित पानी निकलता है। बाउंड्रीवाल न होने से जानवर बागवानी में लगे पौधों को चरकर साफ कर देते हैं और करीब एक माह से राशन के अभाव में यहां बच्चों को भोजन मिलना बंद हो गया है। राशन के संबंध में प्रधान प्रतिनिधि जग प्रसाद यादव ने बताया कि कोटेदार द्वारा राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है।