आखिर कब मिलेगी ट्रि¨पग से निजात
गोंडा: समय रात नौ बजे चकरौत के राजेश दूबे का परिवार एक साथ बैठकर खाना खा रहा है। बिजली की रोशनी पूरे
गोंडा: समय रात नौ बजे चकरौत के राजेश दूबे का परिवार एक साथ बैठकर खाना खा रहा है। बिजली की रोशनी पूरे घर को चमका रही है। सभी ने भोजन करना शुरू किया था कि लाइट चली गई। माचिस ढूंढ़कर चिराग जलाया। चिराग जले अभी एक मिनट हुआ था कि लाइट फिर आ गई। दीया बुझाया गया। पांच मिनट बीते होंगे कि बत्ती फिर गुल। यह सिलसिला दस बजे तक चला। शाम को सात बजे से रात दस बजे के बीच यह बिजली आपूर्ति की एक हकीकत है। यह रोज का काम हो गया है। इस पर विभाग का नियंत्रण नहीं रह गया है। लाइनें ओवर लोड होने के कारण सप्लाई ब्रेक हो जाती है लेकिन जिम्मेदार मौन हैं।
आधुनिक संसाधनों के बढ़ते प्रयोग ने बिजली को लोगों की पहली आवश्यकता बना दिया है। हर घर को बिजली की आवश्यकता है। कंप्यूटर, टीवी, से लेकर मोबाइल तक लोगों की रूटीन की ¨जदगी का हिस्सा बन गए हैं। इसके चलते समय के साथ बिजली की आवश्यकता बढ़ी है, लेकिन उस हिसाब से विभाग ने अपने संसाधनों का विकास नहीं किया है। जिससे ट्रि¨पग, कटौती जैसी समस्याएं आम है। शासन ने विभाग की लाइनों ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि में सुधार के लिए धनराशि आवंटित की। मगर कहीं काम देर से शुरू हुआ तो कहीं कार्यदाई संस्थाओं ने काम में रुचि नहीं दिखाई। वहीं चहेतों को काम देने की वजह से विभाग के जिम्मेदार भी ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं कर पाए। इस लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। कर्नलगंज में बिजली आपूर्ति में सुधार करने के लिए यहां 132 केवी उपकेंद्र की स्थापना किया गया है। इससे कर्नलगंज नगर व ग्रामीण, कटरा बाजार, परसपुर व बालपुर को सप्लाई दी जानी है, लेकिन इन बिजली घरों को आपूर्ति नहीं अभी नहीं शुरू की जा सकी है। जिससे लोगों के बिजली सुधार का लाभ नहीं मिल रहा है। इसी तरह नवाबगंज के उपभोक्ताओं को ट्रि¨पग मुक्त सप्लाई देने के लिए 132 केवी का निर्माण कराया जाना है। अफसरों की लापरवाही से यहां अभी केवल 30 प्रतिशत काम ही कराया जा सका है। कुछ यही हाल मेहनौन, घारी घाट, दुबहाबाजार, वजीरगंज, चंदवतपुर में 33 केवीए बिजली घरों की स्थापना की शासन की मंशा परवान नहीं चढ़ सकी। इन सभी कार्यों में विभाग के अफसरों ने समय पर दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिससे लोगों को ट्रि¨पग, वर्कलोड, लो-वोल्टेज की समस्या से निजात नहीं मिली। परेड सरकार के नवलगंज निवासी बब्लू श्रीवास्तव कहते हैं कि बिजली विभाग ट्रि¨पग पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। कब आए कब जाए इसका कोई समय नहीं है। अभियंता भी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। राजेश कहते हैं कि शेड्यूल बना है, लेकिन सप्लाई में इसका कोई मायने नहीं है। इच्छा के अनुसार बिजली दी जाती है। परसपुर के गुरसड़ी निवासी राजीव गोस्वामी कहते हैं कि शाम के समय बहुत ट्रि¨पग होती है। सीयूजी पर फोन करने पर बात नहीं होती।