व्यापारियों को बार-बार टैक्स देने से मिलेगी मुक्ति
गोंडा: अब व्यापारियों से एक प्रकार का ही टैक्स लिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने जीएसटी बिल पास क
गोंडा: अब व्यापारियों से एक प्रकार का ही टैक्स लिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने जीएसटी बिल पास किया है। इसमें व्यवसायियों को अलग-अलग स्टेट में सेवाकर नहीं देना पड़ेगा। इसके लिए वाणिज्य कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने 17 जनवरी तक व्यापारियों के आइडी पासवर्ड बदलने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने पंजीकृत फर्मों का टिन नंबर जीएसटीएन (वस्तु एवं सेवाकर पंजीयन) में बदलना शुरू कर दिया है।
देश के दूसरे राज्यों से सामानों की खरीद बिक्री करने वाले व्यापारियों से कई बार टैक्स नहीं लिया जा जाएगा। बल्कि जीएसटी में एक बार ही कर लेकर उसे पूरे देश में कहीं पर बेचने का अधिकार होगा। बहरहाल अभी सरकार ने इसमें टैक्स निर्धारण नहीं किया है। लेकिन सरकार के निर्देश के बाद विभाग ने पूर्व में पंजीकृत फर्मों का टिन नंबर जीएसटीएन में बदलना शुरू कर दिया है। इसमें 20 लाख रुपये से अधिक का व्यवसाय करने वाले व्यापारी को पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया। वहीं पहाड़ी क्षेत्र में इसकी सीमा नौ लाख रुपये रखी गई है। टिन नंबर बदलने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कमिश्नर ने ज्वाइंट कमिश्नर को प्रतिदिन इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया है। जिससे सभी व्यापारी वस्तु एवं सेवाकर में पंजीकृत किए जा सके। इस संबंध में असिस्टेंट कमिश्नर मनीष कुमार ने बताया कि टिन नंबर जीएसटीएन में बदलने के लिए कार्रवाई की जा रही है। इसमें व्यापारी को अलग-अलग राज्य में सर्विस टैक्स नहीं देना पड़ेगा। वहीं विभाग व्यापारी सामान के बारे में जान सकेगा। इससे व्यापार पारदर्शी बनेगा।
94 टिन नंबर बदले
- रविवार को वाणिज्य कर विभाग ने खरगूपुर व इटियाथोक में जीएसटीएन शिविर लगाया। यहां 94 व्यवसायियों की फर्मों का नंबर बदला गया। वहीं 70 व्यापारियों को आईडी पासवर्ड दिया गया। कैंप में विकास श्रीवास्तव, रामनारायन, संतोष उपाध्याय व अजय कुमार मौजूद रहे।