पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ के मंचन में खूब लगे ठहाके
गोंडा: शनिवार की शाम, टाउन हाल में कलाकारों का दर्द दिखा। उपेंद्र नाथ अश्क द्वारा लिखित पर्दा उठाओ-प
गोंडा: शनिवार की शाम, टाउन हाल में कलाकारों का दर्द दिखा। उपेंद्र नाथ अश्क द्वारा लिखित पर्दा उठाओ-पर्दा गिराओ नाटक में कलाकारों का द्वंद नजर आया। नाटक के अभ्यास से लेकर मंचन तक होने वाली परेशानियों को मंच पर लाया गया। व्यवस्थापक को किस तरह से कलाकार खोजना पड़ता है, उसे लाकर अभ्यास कराकर उसे संबंधित पात्र के हिसाब से ढालना पड़ता है। मंचन से पहले पास व टिकट को लेकर होने वाली जद्दोजहद को दिखाया गया। समस्याओं के कारण कलाकार कभी गिरते हैं तो कभी बीमार पड़ते हैं। इन सबके बीच स्थितियों व परिस्थितियों की वजह से सामने आने वाली स्थितियों को मंच पर दर्शाया गया। टाउन हाल में आयोजित नाटक के मंचन का शुभारंभ एडीजे संजय कुमार शुक्ल ने किया। नाटक के माध्यम से कलाकारों ने मंचन के पूर्व की उठापठक को बखूबी दर्शाया। व्यवस्थापक दयाराम की भूमिका विक्रांत ¨सह ने निभाई। साथ ही भगवंत बने अनूप कुमार का कलाकारों को खोजने का अभिनय काफी सराहा गया। वैसे करीब एक दर्जन से अधिक कलाकरों ने अपने अभिनय के जरिए नाटक में जान फूंकने की कोशिश की। नाटक के दौरान लोग खूब ठहाके लगाते रहे। संचालन सुनील सोनी ने किया। संयोजन अनूप कुमार, मंच प्रबंधन महेश ¨सह ने किया। निर्देशन देवव्रत ¨सह ने किया।