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इस राह पर उलझी रफ्तार की गाड़ी

गोंडा : दो बजे। गोंडा-बेलसर मार्ग स्थित गोडवा घाट। बेलसर की तरफ से बाइक से एक व्यक्ति आ रहा था। उसने

By Edited By: Published: Sat, 14 Jan 2017 11:26 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jan 2017 11:26 PM (IST)
इस राह पर उलझी रफ्तार की गाड़ी
इस राह पर उलझी रफ्तार की गाड़ी

गोंडा : दो बजे। गोंडा-बेलसर मार्ग स्थित गोडवा घाट। बेलसर की तरफ से बाइक से एक व्यक्ति आ रहा था। उसने बाइक रोक दी। गोंडा की तरफ से एक निजी बस पुराने पुल से गुजर रही थी। बस के गुजरने के बाद उसने बाइक स्टार्ट की। पुल पार करने के बाद उसे रोका गया। उसने अपना नाम शाहिद निवासी दुल्लापुर बताया। उसने बताया कि पुल तीन माह पूर्व बनकर तैयार हो चुका है लेकिन विभागीय कर्मियों की उदासीनता से उस पर आवागमन नहीं हो सका है। पुल पर चलने के लिए मिट्टी की पटाई तो कर दी गई लेकिन उस पर पिच रोड नहीं बनाई गई। बेलवा नोहर गांव निवासी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि पुल का संचालन न शुरू होने से रोजाना जाम की स्थिति बनी रहती है। एक चौपहिया वाहन ही पुराने पुल से गुजर सकता है। उन लोगों ने सोचा था कि नए वर्ष में उन लोगों की राह आसान हो जाएगी लेकिन पुल का संचालन न शुरू हो पाने से उन लोगों की राह आसान नहीं हो सकी। खरगूचांदपुर निवासी लक्ष्मीनरायन तिवारी ने बताया कि पुल का निर्माण पूरा हो जाने के बाद भी उस पर संचालन नहीं शुरू हो सका है। उन लोगों को घंटों खड़े होकर वाहनों के गुजरने का इंतजार करना पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों ने भी इस गंभीर समस्या की तरफ आवाज उठाना मुनासिब नहीं समझा। माधवपुर के वीरेंद्र पांडेय का कहना है कि गोडवा घाट का पुल काफी पुराना और जर्जर है। पुराने पुल से आते-जाते समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। नया पुल भी तैयार है लेकिन मार्ग का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। जिससे उस पर चलना खतरे से खाली नहीं है।

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कागजों में हो चुका है मार्गों का निर्माण

रमवापुर हरदोपट्टी, विसहुी नदी अमवाघाट, वजीरगंज झिलाही मार्ग, सेमराशेखपुर पहुंच मार्ग, ढेमवाघाट, मनिहारी घाट, मनिहारी घाट, पचमरी धरमपुर व गोड़वाघाट सेतु व पहुंच मार्ग का निर्माण फाइलों में दिखाया जा रहा है लेकिन पहुंचमार्ग का निर्माण नहीं हो सका है। विभागीय एक अफसर की मानें तो पुल निर्माण हो गए हैं। पहुंचमार्ग का बजट समय से नहीं मिल सका था। इसलिए निर्माण नहीं हो सका। अधिकारियों ने अपनी गर्दनें बचाने के लिए अफसरों को निर्माण होने की झूठी रिपोर्ट भेजकर गुमराह कर दिया।

पहुंचमार्ग बनने से हजारों लोगों की राह होती आसान

पुलों के निर्माण होने के बाद यदि पहुंच मार्ग बन गया होता तो रोजाना हजारों लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन अफसरों ने पहुंचमार्ग के निर्माण की तरफ ध्यान नहीं दिया। जिससे लोगों की दिक्कतें कम नहीं हो पा रही है।


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