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सफाई के संसाधन ही साफ

गोंडा: केस एक- कांशीराम कालोनी इमामबाड़ा में करीब दो हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। यहां पर हर गली में

By Edited By: Published: Sat, 14 Jan 2017 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jan 2017 11:23 PM (IST)
सफाई के संसाधन ही साफ
सफाई के संसाधन ही साफ

गोंडा: केस एक- कांशीराम कालोनी इमामबाड़ा में करीब दो हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। यहां पर हर गली में कूड़ा डंप है। गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। जिससे होकर लोगों को आना जाना पड़ रहा है। कई जगहों पर कूड़ा करकट एकत्र करने के लिए स्टैंड पोस्ट लगा हुआ है लेकिन वह टूटा है।

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केस दो- राधाकुंड में गांधी विद्या मंदिर को जाने वाली सड़क के किनारे कूड़ा डंप है। यहां पर मोहल्ले भर के लोग कूड़ा डाल रहे हैं। जिससे इस रोड से होकर आने जाने में काफी परेशानी हो रही है। गांधी विद्या मंदिर इंका के सामने ही कूड़ा पड़ा हुआ है। यह दो मामले, शहर में सफाई व्यवस्था का सच बयां करने के लिए पर्याप्त है। विधानसभा चुनाव के वक्त जब हर कोई नए मुद्दे तलाश रहा है, ऐसे में शहर की जनता सफाई व्यवस्था में सुधार की आस संजो रही है। दरअसल, शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल है। गली मोहल्ले हो या सार्वजनिक स्थल, हर ओर गंदगी की भरमार है। रोडवेज बस अड्डे के पास राजकीय इंका की चहारदीवारी के समीप कूड़ा बिखरा पड़ा है। दुखहरननाथ मंदिर से गुड्डूमल चौराहे तक को जाने वाली सड़क पर पांडेय तालाब के पास कूड़ा डंप है। अहिरान मोहल्ला हो या कटहरिया, गंदगी के कारण हर कोई परेशान है। कंपोजिट स्कूल मेवातियान के सामने पानी भरा है। गांधी पार्क के सामने कूड़ा डंप होने के कारण आने जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों व नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है लेकिन जनता को समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। एक बात और है कि लोगों की सोच में भी कोई बदलाव नहीं आ रहा है। तत्कालीन डीएम राम बहादुर ने तो शहर में श्रमदान कबरके सफाई कराई थी, लेकिन अब यह व्यवस्था बंद हो गई। जिसके कारण समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है।

असुविधाओं की भरमार

- नगर पालिका की स्थापना के समय पहले 24 वार्ड थे। उसके बाद इसमें एक और वार्ड बढ़ाया गया। अब वार्डों की संख्या 27 तक हो गई है। बावजूद इसके पालिका की स्थापना के समय स्वीकृत पद के सापेक्ष ही कर्मी तैनात है। जिम्मेदारों की मानें तो करीब 371 कर्मी कार्य कर रहे हैँ। बढ़ती आबादी के मद्देनजर यह काफी कम है, इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। बावजूद इसके सारी प्रक्रिया ठप है। सफाई कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी लेकिन उस पर रोक लगी हुई है। नाम न छापने की शर्त पर सफाई कर्मियों ने बताया कि कूड़ा उठाने वाली कई गाड़ियां खराब है, उसे ठीक करवा दिया जाय तो काफी आसानी होगी।

जनता के बोल

- मोहम्मद हनीफ कहते हैं कि मोहल्ले में गंदगी की भरमार है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। लोग गंदा पानी पीने को विवश हो रहे हैं। सोनू का कहना है कि कूड़ा करकट समय से नहीं उठाया जा रहा है। न ही सफाई कर्मी आ रहे हैं। सिराज का कहना है कि कई स्तर पर शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मो रफीक कहते हैं कि घरों के सामने कूड़ा डंप है। हैंडपंप के चारों ओर गंदा पानी जमा है। सभासद से लेकर अधिकारियों तक को बताया गया लेकिन कोई नहीं सुन रहा है।


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