मोटे अनाज के आएंगे 'अच्छे-दिन'
गोंडा :आधुनिकता की चकाचौंध में गुम हुए मोटे अनाज के अच्छे दिन आने वाले हैं। पंच सितारा होटलों में जा
गोंडा :आधुनिकता की चकाचौंध में गुम हुए मोटे अनाज के अच्छे दिन आने वाले हैं। पंच सितारा होटलों में जायका बढ़ा रहे सांवा, कोदो, काकून व रागी अब गरीबों के खेतों में पैदा किए जाएंगे। आर्गेनिक खेती के लिए यूपी व उत्तराखंड के 81 केवीके में शामिल लाल बहादुर शास्त्री कृषि विज्ञान केंद्र गोपालग्राम ने चारों फसलों के बीज तैयार किए हैं। ये बीज किसानों को खरीफ में आर्गेनिक खेती के लिए निश्शुल्क दिए जाएंगे, इसके लिए किसानों का चयन किया जा रहा है। यूपी व उत्तराखंड में खेती से जुड़ी नई जानकारियों को साझा करने के साथ ही पुरानी प्रजातियों का संरक्षण के लिए कृषि विभाग केंद्र का संचालन किया जा रहा है। यूपी के गोंडा में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र गोपालग्राम ने मोटे अनाज की प्रजातियों का संरक्षण कर रहा है। खरीफ 2016 में मोटे अनाज के रूप में विलुप्त हो रहे सांवा, कोदो, रागी व काकून के बीज का संरक्षण करने का प्लान तैयार किया गया था। केंद्र पर ही आर्गेनिक खेती के लिए तैयारी की गई, यहां बीज न होने से कृषि विश्वविद्वयालय रीवां मध्यप्रदेश से 50-50 ग्राम बीज मंगाकर जुलाई माह में बोवाई की गई। नवंबर माह में फसलों की कटाई के बाद चारों प्रजातियों के करीब दो किलोग्राम बीज तैयार हुए हैं।
अच्छे किसानों को मिलेगा बीज
-मोटे अनाज की खेती के लिए सांवा, कोदो, रागी व काकून का बीज किसानों को भी दिया जाएगा। केवीके प्रगतिशील व रुचि लेने वाले किसानों को बीज निश्शुल्क उपलब्ध कराएगा। वैज्ञानिक खेती का समय-समय पर भ्रमण करके जायजा भी लेंगे।
'यूपी व उत्तराखंड में संचालित केवीके में से सिर्फ गोंडा में आर्गेनिक खेती के जरिए परंपरागत अनाज एवं प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। सांवा, कोदो, रागी व काकून के बीज तैयार किए गए हैं। अब इसे गांवों में खेती के लिए दिया जाएगा।'
-डा. उपेंद्र ¨सह, समन्वयक केवीके गोपालग्राम गोंडा