सरकारी अस्पताल में मरीज देख सकेंगे निजी डॉक्टर
गोंडा: स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं के उपचार में आने वाली दिक्कतों को
गोंडा: स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं के उपचार में आने वाली दिक्कतों को दूर करने का मसौदा तैयार किया है। जिसके तहत हर माह की 9 तारीख को होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत चलने वाली क्लीनिक पर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की ओपीडी कराने का फैसला किया है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। जिला महिला अस्पताल में 14 डॉक्टरों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष डॉक्टरों के काफी पद खाली हैं। जिससे यहां पर ओपीडी के संचालन तक में दिक्कत आ रही है। खुद सीएमएस को ओपीडी करनी पड़ रही है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों की सीएचसी पर भले ही प्रसव की सुविधा का दावा किया जा रहा हो लेकिन अधिकांश जगहों पर महिला चिकित्सक ही नहीं है। इससे मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। यह हालत तब है जब महिला मरीजों के लिए सेहत महकमा जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम सहित अन्य गतिविधियों का संचालन कर रहा है। बावजूद इसके स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान करा रही है। अब इसमें निजी डॉक्टरों की भी मदद लेने की योजना बनाई गई है। सरकारी अस्पतालों में निजी डॉक्टरों की चलने वाली ओपीडी में मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक अमरनाथ ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रयास किया जा रहा है। आइएमए व अन्य मेडिकल संगठनों से बातचीत चल रही है।