विकास पर चोट करेगी प्रधानजी की पगार
गोंडा: चुनावी मौसम में प्रधानजी की पगार जरूर बढ़ी, लेकिन इसका असर विकास पर भी पड़ेगा। मानदेय में इजाफ
गोंडा: चुनावी मौसम में प्रधानजी की पगार जरूर बढ़ी, लेकिन इसका असर विकास पर भी पड़ेगा। मानदेय में इजाफे से हरसाल 71 करोड़ रुपये का खर्च बढ़ेगा। मानदेय का भुगतान चतुर्थ राज्य वित्त से किया जाना है, ऐसे में विकास कार्य के लिए आवंटित बजट कम हो जाएगा। सूबे में 59162 ग्राम प्रधानों के मानदेय पर हरसाल 248.48 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रमुख सचिव पंचायतीराज ने फरमान जारी किए हैं। पंचायतीराज विभाग गांवों में निर्वाचित प्रधानों को मानदेय उपलब्ध करा रहा है। मानदेय के रूप में 2500 रुपये हरमाह दिए जाते हैं। जिसका भुगतान चतुर्थ राज्य वित्त से विकास कार्यों के लिए आवंटित होने वाली धनराशि से किया जा रहा है। सरकार ने मानदेय भुगतान के लिए अलग से बजट की कोई व्यवस्था नहीं की है। शासन ने हाल ही में प्रधानों का मानदेय ढ़ाई हजार रुपये से बढ़ाकर हरमाह 3500 रुपये कर दिया है। बढ़ा हुआ मानदेय का भुगतान भी चतुर्थ राज्य वित्त से आवंटित बजट से ही किया जाना है। ऐसे में विकास कार्यों के लिए मिले बजट में कमी आएगी। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो 2500 रुपये के हिसाब से सूबे के 59162 ग्राम प्रधानों को मानदेय देने पर हरसाल 171.48 करोड़ रुपये खर्च किए जाते थे। लेकिन अब 3500 रुपये के हिसाब 248.48 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अकेले देवीपाटन मंडल में मानदेय पर हरसाल 13.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रमुख सचिव पंचायतीराज चंचल कुमार तिवारी ने शासनादेश के अनुसार मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया है। बढ़ा हुआ मानदेय दिसंबर माह से प्रधानों को मिलेगा।
प्रधानों के मानदेय पर हरमाह खर्च होनी वाली धनराशि
जिला ब्लॉक प्रधान मानदेय
गोंडा 16 1054 36.89
बहराइच 14 1054 36.89
बलरामपुर 09 801 28.03
श्रावस्ती 05 400 14.00
योग: 44 3309 115.81
नोट: धनराशि लाख रुपये में है।