बदहाल रैन बसेरे में कैसे गुजारें रात, ट्रेनें भी नहीं दे रहीं साथ
गोंडा: जिला महिला अस्पताल में बने रैन बसेरे की दशा खराब है। यहां पर गद्दे बेड के नीचे गिरे पड़े हैं।
गोंडा: जिला महिला अस्पताल में बने रैन बसेरे की दशा खराब है। यहां पर गद्दे बेड के नीचे गिरे पड़े हैं। यहां पर कोई इंतजाम नही है, जिससे मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। बावजूद इसके कहीं पर कोई प्रबंध नजर नहीं आ रहा है।
कोहरे की दस्तक के बीच जब हर कोई ठंड से बचाव का इंतजाम करने में जुटा है, इसके बाद भी जिम्मेदार बेखबर है। कोहरे की मार के बावजूद महिला अस्पताल में रैनबसेरे की हालत खराब है। यहां पर बेड पड़े हैं। उन पर बिछाए गए गद्दों की हालत काफी दयनीय है। कुछ गद्दे तो बेड के नीचे पड़े हैं। ऐसे में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को वार्डों के बाहर खुले में रहना पड़ रहा है। इसके साथ ही अभी तक यहां पर अलाव का भी कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जिला अस्पताल के रैन बसेरे में जमीन पर ही गद्दे बिछा दिए गए हैं, यहां के बेड कहां गए, इस बारे में कोई कुछ नहीं बता रहा है। तीमारदारी में आए राकेश, पंकज, अभिनव का कहना था कि ठंड को देखते हुए रैन बसेरे का हाल ठीक कराया जाना चाहिए, जिससे किसी को कोई परेशानी न हो।
इनसेट
रफ्तार पर कोहरे ने लगाई ब्रेक
कोहरे की मार का सबसे ज्यादा असर रेल यातायात पर पड़ा है। दरभंगा-अमृतसर एक्सप्रेस आठ घंटे, छपरा - मथुरा एक्सप्रेस तीस मिनट, लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस दो घंटे, सहरसा-आनंद विहार एक्सप्रेस 11 घंटे, जम्मूतवी-गोरखपुर एक्सप्रेस 21 घंटे, बांद्रा -गोरखपुर तीन घंटे, नई दिल्ली-वैशाली एक्सप्रेस साढ़े 9 घंटे, गोरखपुर-हिसार एक्सप्रेस साढ़े 9 घंटे बिलंब से चल रही है। जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन अधीक्षक एएन मिश्र ने बताया कि कोहरे को देखते हुए आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।