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कछुए की चाल, स्वच्छ भारत मिशन बेहाल

गोंडा: सपना खुले में शौचमुक्त भारत का, समय सीमा 2 अक्टूबर 2019। लेकिन जब आप अभियान की प्रगति पर गौर

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 11:16 PM (IST)
कछुए की चाल, स्वच्छ भारत मिशन बेहाल

गोंडा: सपना खुले में शौचमुक्त भारत का, समय सीमा 2 अक्टूबर 2019। लेकिन जब आप अभियान की प्रगति पर गौर करेंगे तो हकीकत सवालों की झड़ी लगा देगी। मिशन को शुरू हुए ढ़ाई वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की रफ्तार कछुए की चाल से भी धीमी है। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो बेसलाइन सर्वे के अनुसार जिले में 5.12 लाख परिवार रहते हैं। जिसमें से विभाग ने 1.41 लाख परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि पूर्व में उपलब्ध करा चुका है। शेष बचे 3.72 लाख परिवारों को मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने के साथ ही खुले में शौच मुक्त करने के लिए प्रेरित करना था। शासन ने तीन वर्ष में 1.40 लाख शौचालय के निर्माण का लक्ष्य तो तय कर दिया, लेकिन सिर्फ 42338 शौचालय ही बन सके। अब सवाल ये है कि रफ्तार अगर यही रहीं तो ये सपना आने वाले दस वर्षों में भी पूरा नहीं हो सकेगा।

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शौचालय बन गए नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

-गांवों में शौचालय निर्माण के लेकर लोगों को उत्सुकता तो है, लेकिन विभाग प्रोत्साहन राशि नहीं दे पा रहा है। अतुल कुमार, राम जियावन, सीताराम, राम खेलावन आदि का कहना है कि शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। प्रधान पैसा न होने का कारण बताकर वापस कर देते हैं।

फैक्ट फाइल

कुल ग्राम पंचायत-1054

कुल राजस्व ग्राम-1824

कुल ग्रामीण आबादी-3208890

बेसलाइन सर्वे के अनुसार परिवार-512517

शौचालय विहीन परिवार-372515

स्वच्छ भारत मिशन से निर्मित से शौचालय-42348

वर्षवार शौचालय निर्माण की स्थिति

वित्तीय वर्ष लक्ष्य निर्माण

2014-15 25010 6694

2015-16 42814 23350

2016-17 72703 12304

योग: 140527 42348

'स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत लक्ष्य के सापेक्ष शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है, लेकिन अभियान में तेजी आई है। जिले के सात गांव ओडीएफ होने के बाद 66 राजस्व ग्राम चिन्हित किए गए हैं। प्रयास है कि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ ही प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाए। '

- घनश्याम सागर, डीपीआरओ गोंडा


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