लापरवाही ने छीना पंचायत सशक्तीकरण का अवार्ड
गोंडा: मॉडल ग्राम पंचायत, विकास की लंबी पारी। फिर भी जब बात सशक्त पंचायत के रूप में अवार्ड के लिए आ
गोंडा: मॉडल ग्राम पंचायत, विकास की लंबी पारी। फिर भी जब बात सशक्त पंचायत के रूप में अवार्ड के लिए आई तो आवेदन में ही लापरवाही हो गई। नतीजा यह रहा कि बिना रेस में पहुंचे ही गोंडा राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण अवार्ड की होड़ से बाहर हो गया। वैसे, सूबे की 1018 ग्राम पंचायतों ने पुरस्कार के लिए आवेदन किए हैं। राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना के तहत हरसाल 26 ग्राम पंचायत, 4 क्षेत्र पंचायत व दो जिला पंचायतों का चयन किया जाता है। राज्य सरकार अव्वल आने वाली पंचायतों को पुरस्कार राशि देने के साथ ही प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में गोंडा समेत अन्य जिलों की 1018 ग्राम पंचायत, 41 क्षेत्र पंचायत व 28 जिला पंचायतों ने 17 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन किए थे। औसतन 90 प्रतिशत से अधिक नंबर पाने वाली पंचायतों को अवार्ड की रेस में माना जाता है। गोंडा जिले में खुले में शौचमुक्त के साथ ही मॉडल ग्राम पंचायतें भी हैं, लेकिन यहां 1054 के सापेक्ष सिर्फ 14 के ही ऑनलाइन आवेदन हुए। हैरत तो इस बात की है आवश्यक सूचनाएं न भर पाने के कारण यहां ग्राम पंचायत को अधिकतम 67 अंक ही मिल सके हैं।
ऑवेदन करने वाली पंचायतें
-जिले के बरसड़ा, चांदपुर, देवरदा, मिझौरा, धौरहराघाट, जमुनही हरदौपट्टी, खानपुर, रामापुर, सहिबापुर, भमैचा, दत्तनगर विसेन, ख्वाजाजोत, नरायनपुर ईंधा व ¨सगरिया।
आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद ग्राम पंचायतों की मार्किंग की गई है, यहां की पंचायतों को कम अंक मिले हैं।
-ऋषिकेश मिश्र, डीपीएम