मनरेगा के नौ साल, 24254 परियोजनाएं अधूरी
गोंडा: मनरेगा को प्रगति के ट्रैक पर वापस लाने के लिए भले ही अफसर कोशिशों का दावा कर रहे हों, लेकिन ह
गोंडा: मनरेगा को प्रगति के ट्रैक पर वापस लाने के लिए भले ही अफसर कोशिशों का दावा कर रहे हों, लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। 9 वर्ष बीतने के बावजूद 24254 परियोजनाएं अधूरी हैं। चिट्टी व मी¨टगों से सुधार न होने पर अब डीएम ने समीक्षा शुरू की है। सबसे अधिक परियोजनाएं रुपईडीह ब्लॉक में अधूरी पड़ी हुई है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम वर्ष 2007 में लागू किया गया था। इसके बाद इस योजना का नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा कर दिया गया। जिले की 1054 ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2007-08, 2008-09, 2009-10, 2010-11, 2011-12, 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में 76754 परियोजनाओं पर कार्य शुरू कराया गया था। जिसके सापेक्ष 52500 परियोजनाएं पूरी हो सकी हैं। जबकि 24254 परियोजनाएं अभी भी अधूरी है। ब्लॉकवार आंकड़ों पर गौर करें तो रुपईडीह की प्रगति सबसे खराब हैं, यहां महज 39.84 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो सकी हैं।
मनरेगा परियोजनाओं की ब्लॉकवार स्थिति
ब्लॉक परियोजना पूर्ण अपूर्ण
रुपईडीह 5587 2226 3361
नवाबगंज 4179 1805 2374
परसपुर 4630 2910 1720
कर्नलगंज 4994 3316 1678
कटराबाजार 7088 4736 2352
हलधरमऊ 6269 4363 1906
झंझरी 4869 3484 1385
तरबगंज 3718 2680 1038
मनकापुर 5964 4347 1617
बेलसर 4390 3256 1134
पंड़रीकृपाल 4252 3174 1078
मुजेहना 3532 2659 873
इटियाथोक 4167 3200 967
वजीरगंज 5181 3983 1198
बभनजोत 2940 2293 647
छपिया 4994 4068 926
योग: 76754 52500 24254
मनरेगा योजना के परियोजनाओं की समीक्षा की गई है। एएमआइएस पर कुछ ऐसी भी परियोजनाएं हैं जिस पर न तो मस्टर रोल जारी किया गया और न ही कोई भुगतान हुआ। जबकि कुछ परियोजनाएं विवादित होने के कारण पूरी होने की स्थिति में नहीं हैं। सभी ब्लॉकों के बीडीओ व एपीओ को समीक्षा करके आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
-आशुतोष निरंजन, डीएम गोंडा