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इटियाथोक का मॉडल बना भगवानपुर

गोंडा: विकास का जज्बा हो और पब्लिक साथ दे तो कोई भी ऐसा मुकाम नहीं जिसे हासिल न किया जा सके। कुछ ऐसा

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 11:17 PM (IST)
इटियाथोक का मॉडल बना भगवानपुर

गोंडा: विकास का जज्बा हो और पब्लिक साथ दे तो कोई भी ऐसा मुकाम नहीं जिसे हासिल न किया जा सके। कुछ ऐसा ही कार्य इटियाथोक ब्लॉक की पंचायत ने किया है। काम छोटा, लेकिन नाम बड़ा। यह गांव ब्लॉक का मॉडल बन चुका है। यहां रहने वाले 21 परिवारों ने आजादी के 70 वर्ष बाद खुले में शौच से मुक्ति पाई है। एक पहल से गांव ओडीएफ नहीं हुआ, स्वच्छता की रोशनी से गांव जगमगाने लगा। ये कार्य किसी एक व्यक्ति की पहल से नहीं, बल्कि गांव व प्रशासनिक टीम के संयुक्त प्रयास से हो सका है। एक रिपोर्ट:

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जागरूकता की लौ जली, फैलता गया प्रकाश

-इटियाथोक ब्लॉक की ग्राम पंचायत बसंतपुरराजा के राजस्व गांव भगवानपुर में रहने वाले लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। यहां के लोग खेती के साथ ही मजदूरी करके परिवार की जीविका चला रहे हैं। स्वच्छता को लेकर चलाई जा रही मुहिम की आवाज उनके कानों तक जरूर पड़ी, लेकिन विश्वास थोड़ा कम था। जिला प्रशासन द्वारा पहले चरण में सबसे छोटे राजस्व गांव ओडीएफ करने के अभियान में ये गांव भी शामिल हो गया था। खुले में शौच से होने वाली बीमारियों की जानकारी देने के साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए जिला समन्वयक अरुण शैलेंद्र ¨सह यादव ने गांव में सीएलटीएस के माध्यम से जानकारी दी थी। लोगों के विचार बदले और पंचायत ने सहयोग का वादा किया तो जागरूकता का कारवां निकल पड़ा। महज एक माह में ही 21 परिवारों ने अच्छी गुणवत्ता का शौचालय निर्माण कराकर उपयोग शुरू कर दिया।

टीम जिसने निभाई अहम जिम्मेदारी

-एडीओ पंचायत जयलाल शर्मा, खंड प्रेरक राम जनम वर्मा, सचिव प्रभाकर तिवारी, सफाई कर्मचारी विजय कुमार, रामभारत शुक्ल, पप्पू मिश्र, राम समोखन, अटल बिहारी तिवारी, धर्मपाल ¨सह।

गांव का खुले में शौचमुक्त होना किसी बड़ी कामयाबी से कम नहीं है, ये कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं है। गांव की जनता व विभाग के सहयोग से सफलता मिली है। इसके लिए पंचायतीराज विभाग की पूरी टीम बधाई की पात्र है। समय से प्रोत्साहन राशि आई, जिससे लाभार्थियों ने उत्साह पूर्वक निर्माण कराया।

-अनीता मिश्रा, प्रधान भगवानपुर

ये हुए जागरूक, बनवाया शौचालय

-सालिकराम, कलहू, मंगल, धनीराम, गुड़िया देवी, कौशलपती, रमकला, पूनम, रक्षाराम, भदई, सुंदरकला, सीमा, बाबूराम, बिट्टा देवी, निर्मला, राधेश्याम, शीलादेवी, माताप्रसाद, निबरे, रणविजय, बाऊर।


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