100 रुपये दो तभी कार्ड फी¨डग !
गोंडा : एक तरफ तो वेबसाइट बंद बताकर पात्रों को राशन कार्ड से दूर किया जा रहा है तो दूसरी तरफ खेल भी
गोंडा : एक तरफ तो वेबसाइट बंद बताकर पात्रों को राशन कार्ड से दूर किया जा रहा है तो दूसरी तरफ खेल भी जारी है। चु¨नदा बिचौलियों की मदद से कार्डों की फी¨डग गुपचुप ढंग से कराई जा रही है।
जिले में पहली मार्च से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना लागू हुई। करीब छह लाख लोगों को योजना में शामिल कर लिया गया। सूची का सत्यापन कराने के लिए लेखपालों की टीम बनाई गई।
30 कार्ड के बदले 3000
शुक्रवार को शहीदे आजम सरदार भगत ¨सह इंटर कॉलेज के सामने एक निजी प्रतिष्ठान में कर्नलगंज क्षेत्र के एक ग्राम प्रधान 30 फार्म लेकर पहुंचा। 100 रुपये के हिसाब से तीन हजार रुपये फीड कराने के लिए दिए। जेल रोड स्थित निजी मकान के दो कमरों में फी¨डग का काम हो रहा था। पूछने पर वहां मौजूद लोगों ने बताया कि यहां कार्डधारकों के आधार की फी¨डग की जा रही है। बाहर निकलने पर मौजूद युवक से सूची में नाम शामिल करवाने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि कल फोटो, आधार कार्ड, बैंक एकाउंट ले आना। फार्म फीड करवा दिया जाएगा।
बंद हो गई थी वेबसाइट
गांव-गांव सूची का सत्यापन कराया गया। इसी बीच शासन ने वेबसाइट बंद कर दी। बताया जाता है कि सूची में कई प्रकार की गड़बड़ियां निकल कर सामने आईं। उसे सही कराने के लिए दौड़ भाग शुरू हो गई। जिन पात्रों के नाम सूची में नहीं शामिल हो सके थे वह भी जुगाड़ खोजने लगे। लेकिन वेबसाइट बंद होने से फी¨डग नहीं हो सकी। उधर कार्डों की फी¨डग कराने के लिए दलाल व अफसर गठजोड़ हो गया। एक अधिकारी की मानें तो सात दिन पूर्व वेबसाइट शासन स्तर से खोली गई थी। लेकिन फी¨डग को लेकर खींचतान शुरू हो गई। इससे फी¨डग करना मुश्किल हो गया।
डीएसओ बोले
डीएसओ विमल शुक्ल ने बताया कि वेबसाइट बंद है। पासवर्ड भी लॉक कर दिया गया है। सिर्फ आधार की फी¨डग कराई जा रही है। फार्मों की फी¨डग नहीं की जा रही है। उन्हें शिकायतें नहीं मिली हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह ऐसे लोगों के चक्कर में न पड़े।