अनाज की होगी डोर स्टेप डिलीवरी
गोंडा : डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से उचितदर विक्रेता की दुकान पर अनाज पहुंचाया जाएगा। खाद्य तथा रस
गोंडा : डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से उचितदर विक्रेता की दुकान पर अनाज पहुंचाया जाएगा। खाद्य तथा रसद विभाग आयुक्त ने जिलाधिकारियों को फरमान जारी कर अनुपालन कराए जाने का निर्देश दिया है। अब कोटेदारों को ब्लॉक गोदामों तक दौड़ लगाने से निजात मिल सकेगी। साथ ही साथ रास्ते से अनाज गायब होने के मामले में अंकुश लग सकेगा। इस निर्देश के बाद जिम्मेदार अफसरों के पसीने छूटने लगे हैं। विभागीय अफसरों की मानें तो उचितदर विक्रेताओं की दुकानें गली मोहल्लों में खुली हुई है, जहां पर वाहनों का मुड़ना भी संभव नहीं हो सकेगा। ऐसे में वह लोग उचित दर विक्रेताओं की दुकानों पर अनाज की आपूर्ति कैसे कर पाएंगे। बावजूद इसके अफसरों के निर्देश को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिले में एक मार्च 2016 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना लागू हुई। जिसके तहत उचितदर विक्रेता की दुकान तक डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से अनाज पहुंचाना है।
ऐसे पहुंचाना है अनाज
-संभागीय खाद्य नियंत्रक पंजीकृत ठेकेदारों के माध्यम से निविदा के आधार पर अनाज भिजवाना करेंगे सुनिश्चित।
-परिवहन ठेकेदार अनाज कोटेदार की दुकान पर पहुंचाएगा। अनाज की तौल के लिए ठेकेदार वाहन पर ही कांटा-बांट रखेगा जो माप विभाग द्वारा सत्यापित होगा। विक्रेता की दुकान पर अनाज उतारने के बाद उसकी तौल कराई जाएगी। ताकि घटतौली न हो सके।
-प्रत्येक वाहन के साथ अच्छी साख वाले डिलीवरी मैन को भी भेजेगा जिसका दायित्व अनाज तौलकर विक्रेता को प्राप्त कराना होगा। कोटेदार से गुणवत्ता की रसीद लेकर केंद्र प्रभारी को उपलब्ध कराना होगा।
-अनाज की मात्रा, गुणवत्ता में कमी व डायवर्जन होने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।
-रूटचार्ट बनाकर ठेकेदार को दिया जाएगा ताकि एक साथ कई कोटेदारों को अनाज की आपूर्ति की जा सके।
-डोर स्टेप डिलीवरी में सार्वजनिक वितरण प्रणाली कार्य के लिए अधिकृत वाहन में दोनों तरफ हरी पट्टी बनाई जाएगी। पीले रंग से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लिखा रहेगा। इसके साथ ही ब्लॉक, गोदाम का नाम, गांव , मोहल्ले व रूट नंबर का कोड नंबर का उल्लेख रहेगा।
क्या कहते हैं उपायुक्त खाद्य
-उपायुक्त खाद्य मनोज कुमार ने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी पूरे प्रदेश में लागू किए जाने का निर्देश है। संभागीय खाद्य नियंत्रक को कोटेदारों की दुकानों तक अनाज ठेकेदारों के माध्यम से पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। ब्लॉक गोदाम से कोटेदारों की दुकानों तक वाहनों से अनाज पहुंचाया जाएगा। जिससे कोटेदारों को गोदाम तक दौड़ लगाने से निजात मिल सकेगी। साथ ही अनाज की कालाबाजारी पर अंकुश लग सकेगा।