आंगनबाड़ी केंद्रों पर सन्नाटा, बजट भी बना बाधा
गोंडा : क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे व कार्यकर्ता ढूंढें नहीं मिल रहे हैं। हाटकुक्ड योजना भ
गोंडा : क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे व कार्यकर्ता ढूंढें नहीं मिल रहे हैं। हाटकुक्ड योजना भी बजट के अभाव में बंद है। सोमवार को जागरण टीम ने कुछ केंद्रों की पड़ताल की तो विभाग की पोल खुल गई। विद्यालय में अवकाश होने के कारण आगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लगा था।
बाल विकास परियोजना मुजेहना में 198 आंगनबाड़ी केंद्र व 20 मिनी केंद्र संचालित हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्री व सहायिका की उपस्थिति होनी चाहिए। केंद्र सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित करने का नियम है। इन केंद्रों पर शून्य से पांच वर्ष के आयु के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दिया जाना है। उपस्थित बच्चों को पोषाहार भी मिलता है। हाटकुक योजना बजट के अभाव में एक माह से बंद है। क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब है।
केस-एक, आंगनबाड़ी केंद्र लखनीपुर
समय- 11 बजे।
प्राथमिक विद्यालय लखनीपुर परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र लखनीपुर बना है। विद्यालय में छुट्टी होने के कारण परिसर में सन्नाटा पसरा था। आंगनबाड़ी केंद्र पर भी ताला लगा था। केंद्र पर विभाग का कोई कार्यकर्ता व बच्चे उपस्थित नहीं थे।
केस-दो, आंगनबाड़ी केंद्र कर्मडीह
समय-11.30 बजे।
यह केंद्र भी प्राथमिक विद्यालय कर्मडीह से सटा हुआ बना है। केंद्र पर ताला लटक रहा था। केंद्र के बाहर का फर्श टूटा हुआ है। केंद्र पर कार्यकर्ता या बच्चे दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे थे। जिससे विभागीय जानकारी ली जा सके। आगनबाड़ी केंद्र पर कोई कुछ बताने के लिए मौजूद नहीं था।
केस-तीन, समय-दोपहर 12 बजे।
प्राथमिक विद्यालय परसिया पंडित परिसर में यह केंद्र बना हुआ है। केंद्र को देखने से लग रहा था कि कई वर्षों से रंगाई-पोताई नहीं कराई गई है। यहां पर भी कोई कार्यकर्ता व बच्चे उपस्थित नहीं थे।
बोले अधिकारी
सोमवार को विद्यालय में छुट्टी थी। आंगनबाड़ी केंद्र खुले रहने चाहिए। यदि बंद थे तो संबंधित कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा।
गीता श्रीवास्तव, प्रभारी सीडीपीओ मुजेहना