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बीस साल की आशा, आज भी है निराशा

गोंडा: फसल ¨सचाई करने के लिए बीस साल पहले बनाई गई कौड़िया माइनर में विभाग द्वारा आज तक पानी नहीं छोड़ा

By Edited By: Published: Thu, 04 Feb 2016 11:53 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2016 11:53 PM (IST)
बीस साल की आशा, आज भी है निराशा

गोंडा: फसल ¨सचाई करने के लिए बीस साल पहले बनाई गई कौड़िया माइनर में विभाग द्वारा आज तक पानी नहीं छोड़ा गया है। नतीजा यह है कि किसानों को फसल ¨सचाई में दिक्कतें झेलनी पड रही हैं।

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ब्लॉक रुपईडीह के हरखापुर, कौड़िया, भारतपुरवा, बेलवाबाजार, बरी, उसरैना, पिपरी, गुदगुदियापुर, कल्यानपुर, रुकमंगदपुर आदि गांवों के किसानों को फसल ¨सचाई के लिए ¨सचाई विभाग द्वारा 20 साल पहले सरयू नहर खंड की शाखा चार से कौड़िया माइनर निकाली गई, लेकिन इस माइनर में विभाग द्वारा आज तक एक भी बूंद पानी नहीं छोड़ा गया। यही नहीं, माइनर निर्माण कराने के बाद विभाग के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। परिणाम स्वरूप माइनर में जगह-जगह झाडि़यां दिखाई दे रही हैं। किसान गुरू प्रसाद तिवारी ने बताया कि विभाग द्वारा जब माइनर का निर्माण शुरू किया गया, तब विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था कि एक साल में इसमें पानी आ जाएगा। श्याम लाल ने बताया कि माइनर निर्माण के लिए उनके द्वारा दो बीघे से अधिक की भूमि का बैनामा विभाग को कर दिया गया था। इसके बाद विभाग द्वारा निर्माण कार्य में इस तरह से तेजी दिखाई की उनके खेतों में लगी मसूर की फसल भी बर्बाद हो गई। इसके बावजूद अब तक माइनर में पानी नहीं आया। सुरेंद्र ने बताया कि माइनर निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों के आदेश पर उनके परिजनों द्वारा चार बीघा जमीन विभाग को दिया गया। ऐसी स्थिति में उनकी जमीन तो कम हो गई। लेकिन यह प्रसन्नता हुई थी कि अवशेष खेतों में पानी के अभाव में फसलें नहीं सूखेंगी, फिर भी विभाग ने माइनर में पानी छोडे जाने पर ध्यान नहीं दिया। तरुण शुक्ल ने बताया कि माइनर में पानी छोडे जाने के लिए ब्लाक से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों को कई बार मांग की गई, लेकिन आज तक नतीजा सिफर रहा।

इस बारे में खंड विकास अधिकारी राम अवतार ने बताया कि माइनर में पानी छोडे जाने के लिए विभागीय अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।


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