मतदान से पहले नवाबगंज में गोलियों की गूंज, दस घायल
गोंडा : चौथे चरण के मतदान को शांतिपूर्ण कराने का पुलिस का दावा धरा का धरा रह गया। चुनाव से दो दिन प
गोंडा : चौथे चरण के मतदान को शांतिपूर्ण कराने का पुलिस का दावा धरा का धरा रह गया। चुनाव से दो दिन पूर्व ही नवाबगंज में गोलियों की तड़तड़ाहट ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को सकते में डाल दिया है। पुलिस की तैयारियों पर दबंगों ने पानी फेर दिया है। नवाबगंज थाना क्षेत्र के चौखड़िया के डिहवा व मंहगूपुर के बखिरा में दो गांवों में चुनाव जुलूस के दौरान प्रधान प्रत्याशी समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। इसमें दस लोग घायल हुए है। चौखड़िया में हुई फाय¨रग में प्रधान घायल हो गया। जिसे लखनऊ रेफर कर दिया गया है। हालात को काबू में करने के लिए गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पाठकपुरवा गांव निवासी अर¨वद पाठक ने थाने में दी गई तहरीर में कहा कि उसके भाई प्रधान तेज बहादुर उर्फ त्रिजुगी पाठक अपने समर्थकों के साथ चौखड़िया के डिहवा गए थे। जहां पहले से घात लगाए बैठे लोगों ने उन लोगों के ऊपर राइफल, तमंचा व हथगोलों से हमला बोल दिया। उसके भाई त्रिजुगी पाठक को गोली लग गई। योगेश्वर बहादुर, संत बहादुर, घनश्याम व नंद पाठक घायल हो गए। घायलावस्था में त्रिजुगी को फैजाबाद अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत को नाजुक बताते हुए लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। बताया जाता है कि त्रिजुगी पाठक अपने समर्थकों के साथ डिहवा गए थे। पूर्व प्रधान के दरवाजे के सामने कुछ लोगों से उनकी कहासुनी हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। गोलियों की तड़तड़ाहट से ग्रामीण सकते में आ गए। भगदड़ मच गई। ग्रामीण इधर-उधर भागने लगे। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसी थाना क्षेत्र के मंहगूपुर बखिरा गांव में दो प्रधान प्रत्याशियों के बीच जुलूस निकालने के दौरान मारपीट हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में फाय¨रग शुरू हो गई। मारपीट में पांच लोग घायल हुए हैं। बताया जाता है कि दोनों गांव अति प्लस की श्रेणी में हैं। लेकिन पुलिस की तैयारी कागजों तक सिमटी रही। इससे मारपीट की घटनाएं हुई है। थानाध्यक्ष रामनगीना ने बताया कि दोनों पक्षों से तहरीर मिली है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
क्यों नहीं जमा कराए गए असलहे
- चुनाव से पूर्व असलहा जमा कराने के लिए दिए गए निर्देश के बावजूद पुलिस कर्मियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। जिन बूथों को अति प्लस की श्रेणी में घोषित किया जा चुका है। उन गांवों में भी पुलिस सतर्कता नहीं बरत रही है। जहां मंगलवार को खूनी संघर्ष हुआ है वहां एक गुट सत्ता पक्ष का करीबी है तो दूसरा गुट एक माननीय का करीबी बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने असलहे पहले जमा करा लिए होते तो खूनी खेल को टाला जा सकता था।
होगी कार्रवाई : एसपी
एसपी प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि मारपीट करने वाले दबंग चाहे जितने प्रभावशाली क्यों न हो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए वह प्रयासरत है। मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। पुलिस कर्मियों को सतर्क कर दिया गया है।