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नुकीले पत्थरों पर सवारी, मुश्किल में जान हमारी

गोंडा : मऊ समसाबाद चौराहे से सेवरहा तक जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह गहरे-गहरे गड्ढे हो चुके हैं। तारको

By Edited By: Published: Mon, 05 Oct 2015 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2015 12:03 AM (IST)
नुकीले पत्थरों पर सवारी, मुश्किल में जान हमारी

गोंडा : मऊ समसाबाद चौराहे से सेवरहा तक जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह गहरे-गहरे गड्ढे हो चुके हैं। तारकोल व छर्रियां गायब हो चुकी है। बीते तीन वर्ष से नुकीले पत्थरों पर लोग आवागमन कर रहे हैं। 12 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। प्रतिदिन पांच से सात हजार लोग इसी ऊबड़ खाबड़ मार्ग पर चलने को विवश हैं। अब तो वाहन चालक भी उक्त मार्ग पर चलने से किनारा कसने लगे हैं। लोगों को आवागमन में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। लेकिन इनकी बेवशी पर अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को तरस नहीं आ रहा है। मार्ग की दुर्दशा का दंश करीब पांच लाख लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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हमारे दर्द से उन्हें क्या

-मेवाराम का कहना है कि मऊ समसाबाद चौराहे से सेवरहा तक दूरी करीब दस किलोमीटर सड़क पूरी तरह से टूटकर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। राह चलना दुश्वार हो गया है। उन लोगों की पीड़ा पर मरहम लगाने के लिए जनप्रतिनिधि आगे आए और न ही लोनिवि के अधिकारी। ऐसे में सड़क दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई। अब तो मार्ग पर चलते वक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

-रामउग्गर का कहना है कि चुनाव के समय सड़क निर्माण का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि मतलब निकलने के बाद लौट कर उन लोगों की सुधि लेना मुनासिब नहीं समझते हैं। तीन वर्ष से वह लोग नरकीय ¨जदगी जी रहे हैं। लेकिन उनकी पीड़ा सुनने के लिए कोई आगे नहीं आया।

-गुड्डू का कहना है कि उक्त मार्ग से करीब पांच से सात हजार लोगों का आवागमन होता है। छात्राएं व स्कूली बच्चे भी आवागमन करते हैं। आए दिन इन लोगों की साइकिलें पंचर हो रही है। वाहन चालक भी उक्त मार्ग पर चलने से कतराते हैं। रात में किसी की तबियत खराब हो जाती है तो एंबुलेंस वाहन चालक गांव तक नहीं आते हैं। इससे मरीजों को बचाना मुश्किल हो जाता है।

-शिवांशु का कहना है कि इटियाथोक, गोंडा, बलरामपुर, इकौना, विशेश्वरगंज, पृथ्वीनाथ, आर्यनगर, कौड़िया व कर्नलगंज तक के लोगों का आवागमन होने के बावजूद सड़क की मरम्मत कराना लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मुनासिब नहीं समझते हैं। गड्ढों की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। इससे वाहनों के पहिए गड्ढों में फंस जाते हैं। दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। प्रशासन को चाहिए कि उक्त मार्ग की अतिशीघ्र मरम्मत करानी चाहिए। ताकि लोगों की राह सुलभ हो सके।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन व नोडल अधिकारी एससी वर्मा का कहना है कि सड़क की मरम्मत कराई जाएगी। बजट की मांग पहले ही की जा चुकी है। चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।


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