राजकीय विद्यालय में शिक्षक एक, समस्याएं अनेक
गोंडा: जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की मुहिम दम तोड़ रही है। जिम्मेदार शिक्षा व्यवस्था को ध्
गोंडा: जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की मुहिम दम तोड़ रही है। जिम्मेदार शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटे हैं। लिहाजा महत्वपूर्ण माडल विद्यालय की परियोजना धरातल पर पहुंचने के पूर्व ही जमींदोज हो रही है। प्रस्तुत है रिपोर्ट-
माझा क्षेत्र में माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के लिए राजकीय बालिका हाईस्कूल रांगी की स्थापना वर्ष 2012 में ही हो चुकी है। बि¨ल्डग बन चुकी है, लेकिन खिड़कियों और दरवाजों का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। लिहाजा जूनियर हाईस्कूल की उधार की बि¨ल्डग के एक कमरे में ही सारी कक्षाएं चल रही हैं। मजे की बात यह है कि हाईस्कूल की सभी कक्षाओं की सभी विषयों को एक ही गुरुजी पढ़ा रहे हैं। 50 लाख रुपये से अधिक का खर्चा होने के बाद भी बि¨ल्डग हैंडओवर न होने के कारण विद्यालय के बाहर अराजक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। जागरण प्रतिनिधि ने मौका मुआयना किया तो बदरंग तस्वीरें सामने आईं। यहां पर प्रधानाचार्य, लिपिक समेत सात अध्यापकों के पद सृजित हैं। सामाजिक विषय के महज एक शिक्षक आरसी यादव ही राजकीय बालिका विद्यालय को संचालित कर रहे हैं। यहां पर कक्षा नौ में पांच बालक और छह बालिकाओं का नामांकन है। कक्षा दस में सात बालक और आठ बालिकाओं का नामांकन है। बीते वर्ष यहां पर नामांकित 14 छात्रों में से 13 ने बोर्ड परीक्षा दी थी। जिसमें सभी छात्र उत्तीर्ण भी हो गये। इस विद्यालय में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत, चित्रकला की कक्षाएं नहीं चलती हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से इस वर्ष 50 हजार रुपये मिले थे। जिससे मेज, आलमारी, बेंच खरीदी गई है, जो जूनियर हाईस्कूल के एक कमरे में रखी है। बगल में ही स्थित जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिक विद्यालय की भी हालत काफी खराब है। यहां पर जूनियर हाईस्कूल में 108 बच्चों के सापेक्ष महज 67 उपस्थित थे। बच्चे मध्यान्ह अवकाश का समय बीतने के बाद भी खेल रहे थे। दो अध्यापकों की तैनाती है। महज प्रधानाध्यापक रामबहादुर मिश्र मौजूद थे। वहीं प्राथमिक विद्यालय में 188 छात्रों के सापेक्ष महज 105 ही मौजूद थे। महज एक समायोजित शिक्षिका नीलम पांडेय ही मौजूद थी। यहां पर देवेंद्र ¨सह शिक्षामित्र और प्रशिक्षु शिक्षक राजीव कुमार नदारद थे।