धरी रह गईं उम्मीदें, निष्प्रयोज्य हुआ सरस हाट
गोंडा: लाखों रुपये की लागत से बना सरस हाट निष्प्रयोज साबित हो रहा है। हालत यह है कि सरस हाट के अंदर
गोंडा: लाखों रुपये की लागत से बना सरस हाट निष्प्रयोज साबित हो रहा है। हालत यह है कि सरस हाट के अंदर मवेशी बांधे जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी घासें उग आई हैं, जो स्वयं कहानी बयां कर रहे हैं।
विकास खंड इटियाथोक अंतर्गत ग्राम पंचायत श्रीनगर बाबागंज में चार वर्ष पूर्व सरस हाट का निर्माण हुआ था। ग्राम पंचायत ने ग्राम समाज की जमीन उपलब्ध करायी, फिर निर्माण शुरू हुआ। लाखों रुपये की लागत से कई दुकान व चबूतरे का निर्माण कराया गया था। आसपास के लोगों व व्यापरियों में आशा जगी थी कि दुकान का आवंटन कराकर व्यापार शुरू करेंगे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। बनने के बाद से आज तक दुकानें आवंटित नहीं हो सकीं। लोग सुविधा का लाभ लेने से वंचित रह गये। सरस हाट में दुकान तो नहीं खुली, लेकिन मवेशी बांधे जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी जंगली घास सरस हाट की शोभा बढ़ा रही है। सुरेश कुमार ने बताया कि सरस हाट का निर्माण चार वर्ष पूर्व कराया गया था, लेकिन बनने के बाद से यह बंद है। दीप नरायन ने कहा कि दुकान किसी को नहीं दिया गया। अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि सरस हाट बनने से लोगों को कोई फायदा नहीं मिल सका। नरेश जायसवाल ने बताया कि दुकानें न मिलने से आम जनता को कोई फायदा नहीं हुआ। सुशील गुप्ता ने कहा कि सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। वीरेंद्र ने बताया सरकार सरस हाट के तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। यदि दुकान किसी व्यक्ति को मिल जाती तो उसका रोजी रोटी चलता। विक्कू ने बताया कि लाखों रुपये बर्बाद हो गये। सरस हाट जर्जर हो रहा है।
बोले जिम्मेदार- श्रीनगर की प्रधान राजपति ने बताया सरस हाट के लिए चार साल पहले ग्राम पंचायत द्वारा जमीन दी गयी थी, लेकिन सरस हाट का उपयोग अभी तक नहीं हो पाया। निर्माण की लागत की जानकारी नहीं है।