यह कैसा फरमान, पहले दिन ही धड़ाम
गोंडा: सरकार ने सभी मरीजों को फ्री अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा की व्यवस्था पहली सितंबर से लागू होनी
गोंडा: सरकार ने सभी मरीजों को फ्री अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा की व्यवस्था पहली सितंबर से लागू होनी थी लेकिन पहले दिन ही यह व्यवस्था धड़ाम हो गई। जांच कराने आए 70 मरीजों को सौ रुपये जमा करने पर ही जांच की सुविधा का लाभ मिल सका। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अभी तक इस संबंध में शासन का कोई आदेश ही नहीं पहुंचा है। ऐसे में मरीजों को इसका लाभ दिया जाय या नहीं, इसको लेकर जिम्मेदार उलझन में रहे। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिला पुरुष अस्पताल व महिला अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा है। यहां पर इसके लिए रेडियोलाजिस्ट की तैनाती है। महिला अस्पताल में तो उधार के रेडियोलाजिस्ट है। ऐसे में महिला अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं को भी जांच के लिए पुरुष अस्पताल ही आना पड़ रहा है। अल्ट्रासाउंड की फीस सरकारी अस्पताल में एक सौ रुपए हैं। पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों की अल्ट्रासाउंड जांच फ्री करने का ऐलान किया। यह फरमान बस सिर्फ जुबानी वार बनकर रह गया। दरअसल, अभी तक सरकार का यह फरमान अधिकारियों तक पहुंचा ही नहीं।
मंगलवार को यहां पर 70 मरीज जांच कराने के लिए पहुंचें, इनसे अल्ट्रासाउंड की फीस जमा कराई गई। कुछ का अधिकारियों ने बीपीएल कार्ड होने के नाते फ्री जांच की सुविधा कर दिया। बावजूद इसके मरीजों को परेशानी से जूझना पड़ा। मालवीय नगर की निशी अपने बेटे की जांच कराने आई हुई थी, उनका कहना था कि उन्हें तो पता चला था कि फ्री जांच मंगलवार से होगी। ऐसे में वह तो पैसे भी नहीं लाई। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आशुतोष गुप्त का कहना है कि अभी तक शासनादेश नहीं आया, जिससे समस्या आ रही है। सीएमओ डॉ. अमर ¨सह कुशवाहा का कहना है कि पहले आदेश तो आने दीजिए, फिर जैसा निर्देश होगा, उसका पालन करा दिया जाएगा।
किसी भी सीएचसी पर नहीं है जांच की सुविधा
- जिले में वैसे तो 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। किसी भी सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं है। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं जिला अस्पताल में कहीं पर मवेशी घूमते मिले, तो कहीं पर अन्य अव्यवस्था। दवा लेने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी रही।
लापरवाह हैं जिम्मेदार
- ननकन वर्मा का कहना है कि सरकार ने जब पहली सितंबर से अल्ट्रासाउंड जांच कराने का निर्देश दे दिया तो अब अफसरों को उसका अनुपालन कराना चाहिए। मरीजों को हो रही परेशानी से निजात दिलाना चाहिए। पूनम का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की जांच को लेकर फ्री अल्ट्रासाउंड के लिए अभी तक निर्देश न आने की बात चौंका रही है। स्वाती सोनी का कहना है कि मरीजों को फ्री जांच की सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। अरुण कुमार का कहना है कि सरकार से लेकर अधिकारियों तक को अल्ट्रासाउंड जांच को लेकर मरीजों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने का प्रयास करना चाहिए। सारंगदेव का कहना है कि सरकार को अपने फरमान का अनुपालन कराना चाहिए।