सांसद के गांव में डाय¨नग हाल में मिड डे मील चखेंगे बच्चे
गोंडा: सांसद आदर्श गांव के स्कूलों में संचालित मिड डे मील की व्यवस्था को मॉडल के तौर पर विकसित किया
गोंडा: सांसद आदर्श गांव के स्कूलों में संचालित मिड डे मील की व्यवस्था को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाएगा। इन गांवों के स्कूलों में बच्चों के लिए डाय¨नग हाल बनवाया जाए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी डीएम को सौंपी गई है।
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित आदर्श गांवों के स्कूलों में मिड डे मील की व्यवस्था को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाना है। इसमें सामाजिक सौहार्द, स्वच्छता एवं सामाजिक सहभागिता के अतिरिक्त सभी को शिक्षा की उपलब्धता , बच्चों के पोषण स्तर में सुधार को भी केंद्रित किया गया है। इसको लेकर कई ¨बदुओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। स्कूलों में बच्चों को समय से मिड डे मील उपलब्ध हो, मेन्यू के अनुरूप भोजन मिले, अन्य खामियां दूर हों, जैसे आये दिन आने वाले सवालों से निजात दिलाई जाय। खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ ही किचेन शेड की व्यवस्था को सुधारने की योजना है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव एचएल गुप्ता ने इस व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है।
बीएसए डॉ. फतेह बहादुर ¨सह का कहना है कि जिले के लक्ष्मनपुर लालनगर व सेमरा शेखपुर के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है।
यह होनी है व्यवस्था
- सरकारी स्कूलों में नामांकन, उपस्थित बढा़ने, परिवर्तन लागत, खाद्यान्न, छात्रों के भोजन ग्रहण करने के लिए प्लेट की उपलब्धता, रसोइया मानदेय के समय से भुगतान, पेयजल एवं हाथ धुलने की सुविधा, मॉडल किचेन एवं डाय¨नग शेड की सुविधा के लिए विशेष ध्यान दिया जाय।