प्रशिक्षु नियुक्ति में शासन तक पहुंची लापरवाही की गूंज
गोंडा: प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में लापरवाही की गूंज शासन तक पहुंच गई है। अभ्यर्थियों की
गोंडा: प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में लापरवाही की गूंज शासन तक पहुंच गई है। अभ्यर्थियों की शिकायत पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ¨सह देवीपाटन मंडल के चारों जिलों समेत 19 जिलों के डायट प्राचार्य व बीएसए को प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि अगर पर्याप्त अभ्यर्थी न मिल पाने के कारण काउंसि¨लग कराने की आवश्यकता हो तो उसका प्रस्ताव कारण स्पष्ट करते हुए एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराया जाए।यूपी टेट मोर्चा की पूनम नौडियाल, वंदना ¨सह, शिखा मिश्रा, मनोज कुमार, सुनील कुमार, प्रदीप यादव सहित अन्य ने बेसिक शिक्षा सचिव व निदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि विभिन्न 19 जिलों में शिक्षकों के आवंटित पदों के सापेक्ष चल रही भर्ती प्रक्रिया में लापरवाही बरती जा रही है। एक ही विज्ञापन पर कुछ आवेदक तो मौलिक नियुक्ति पाने वाले हैं, जबकि कुछ अभी तक नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। प्रशिक्षुओं का कहना था कि अभी रिक्त सीटों के सापेक्ष एक गुना या दो गुना ही कटऑफ निकाला जा रहा है। जबकि अगला कटआफ निकालने में दो माह का समय लग रहा है। ऐसे में रिक्त सीटों के सापेक्ष कम से कम दस गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाए। शिक्षामित्रों के रिक्त रह गई सीटों को भी जोड़ने की मांग की गई है। इस पर निदेशक ने गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, सुल्तानपुर, महराजगंज, मिर्जापुर, गाजीपुर, सोनभद्र, चंदौली, आजमगढ़, हाथरस, रामपुर, कुशीनगर, प्रतापगढ़ के बीएसए व डायट प्राचार्य को निर्देश दिया है कि जिन-जिन पदों में शिक्षामित्र हेतु सीटें उपलब्ध हैं, उन्हें वांछित अभ्यर्थी न मिलने पर अन्य से चयन कर प्रक्रिया पूरी कराई जाए। साथ ही उन्होंने अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण करने में तीन सप्ताह के समय का ध्यान रखते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही विभिन्न वर्ग, श्रेणी, विशेष आरक्षण वर्ग में पर्याप्त अभ्यर्थी न मिल पाने के कारण काउंसि¨लग कराने की आवश्यकता हो तो कारण सहित प्रस्ताव मांगा गया है। बीएसए डॉ. फतेह बहादुर ¨सह का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों का अनुपालन कराया जाएगा। डायट प्राचार्य मनोहर लाल का कहना है कि प्रशिक्षु शिक्षक चयन में कोई लापरवाही नहीं हो रही है। सारी प्रक्रिया नियम के मुताबिक कराई जा रही है।