फुटपाथ पर दुकानें, राहगीरों के दर्द कोई न जाने
गोंडा : पीपल चौराहे से भरत मिलाप चौराहे तक सड़क के दोनों ओर पैदल चलना मुश्किल है। व्यापारी अपनी दुका
गोंडा : पीपल चौराहे से भरत मिलाप चौराहे तक सड़क के दोनों ओर पैदल चलना मुश्किल है। व्यापारी अपनी दुकानों का सामान उठा कर फुटपाथ पर रख देते हैं। इससे पैदल चलने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इनके दर्द की परवाह किसी को नहीं है। फुटपाथों पर कब्जा होने से आए दिन लोगों को जाम की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। बावजूद इसके प्रशासन इन लोगों पर कार्रवाई करने से हाथ पीछे खींच रहा है।
फुटपाथ न होने का दर्द हमसे जानों जनाब
-राजेंद्र मिश्र का कहना है कि जब हम किसी काम के लिए बाहर निकले और वाहन भी नहीं मिला। उन्हें अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंचने की फिक्र रहती है। उस समय फुटपाथ की कीमत समझ में पाती है। यदि फुटपाथ पर अतिक्रमण न हो तो शहर में चलने के लिए लोगों को टेंपो की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। लोगों को स्वयं ही फुटपाथ को खाली कर उसकी सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
-मुख्तार का कहना है कि जो दूसरों के रास्ते में कांटा डालते हैं, ऊपर वाला उनके रास्ते में कांटा बो देता है। वह कभी सुख की नींद नहीं हो सकता है। इसलिए फुटपाथ पर कब्जा नहीं करना चाहिए।
-रामनरेश का कहना है कि पीपल चौराहे से भरत मिलाप चौराहे तक व्यापारियों ने ही फुटपाथ पर कब्जा जमा लिया है। वह पैसा लेकर अपनी दुकानों के सामने ठेला व अन्य दुकानें भी लगवा रहे है जो गलत है। ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
-मुन्नालाल पांडेय का कहना है कि वह दोनों पैरों से विकलांग है। लाठी के सहारे फुटपाथ पर पैदल चलकर अपने गंतव्य तक चले जाते थे। लेकिन अब उनकी राह आसान नहीं रही। कही व्यापारियों ने कब्जा जमा लिया है तो कही ठेले वालों का कब्जा है। ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। तभी उन लोगों के कलेजे को ठंडक मिल सकेगी।
यहां दोनों तरफ है अतिक्रमण
पीपल चौराहा
प्रहलाद मंदिर
भरत मिलाप चौराहा
क्या कहते हैं सिटी मजिस्ट्रेट
सिटी मजिस्ट्रेट एके शुक्ल का कहना है कि फुटपाथों पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के लिए सूचनाएं संकलित की जा रही है। उन्होंने अतिक्रमणकारियों से स्वत: ही फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। बावजूद इसके वह नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।