गैर प्रांतों को गया गेहूं पीडीएस का तो नहीं
गोंडा : गोंडा का एक लाख 75 हजार ¨क्वटल गेहूं गैर प्रदेशों को चला गया। आपदा के बावजूद इतनी आपूर्ति अ
गोंडा : गोंडा का एक लाख 75 हजार ¨क्वटल गेहूं गैर प्रदेशों को चला गया। आपदा के बावजूद इतनी आपूर्ति अधिकारियों के गले से नीचे नहीं उतर रही है। आशंका जताई गई है कि गैर प्रदेशों को भेजा गया गेहूं कही पीडीएस का तो नहीं था। इसे लेकर अधिकारी चौकन्ने हुए हैं। रैकों की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की है।
मंडल के चारों जिलों में 230 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए। एक लाख सात हजार 500 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया। 26 मई तक चारों जिलों में 60 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद होने का दावा है। उधर निजी कंपनियों ने मंडल भर में खरीदारी कर गोंडा से सात रैक (एक लाख 75 हजार ¨क्वटल) गेहूं असम, बंगाल, गुजरात, दिल्ली व तमिलनाडु को भेज दिया। एक अधिकारी के मुताबिक आपदा से फसलों को नुकसान हुआ था। इससे पैदावार भी प्रभावित हुई थी। ऐसे में इतनी मात्रा में गेहूं दूसरे प्रांतों को भेजा जाना गले से नीचे नहीं उतर रहा है। सूत्रों की मानें तो बीते वर्ष यहां का गेहूं दूसरे प्रांतों को भेजा गया था जिसकी सीबीआइ टीम जांच कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि जो रैक बाहर गई है, उसमें कही पीडीएस का गेहूं तो नहीं चला गया। इसे लेकर उच्चाधिकारी गंभीर हो गए हैं। पड़ताल की जा रही है कि वाणिज्य कर व मंडी शुल्क चुकता किया गया है या नहीं। एक वर्ष के भीतर आवश्यक वस्तु निगम के गोदामों पर कितना ¨क्वटल गेहूं पहुंचाया गया और कोटेदारों को कितना ¨क्वटल गेहूं उठान करवाई गई। गोदाम प्रभारियों के स्टाक व कोटेदारों के स्टाक का सत्यापन कराया जाएगा। मंडलायुक्त रवि प्रकाश अरोड़ा ने दूसरे प्रांतों को भेजी गई रैक की जांच के आदेश दिए हैं। जांच में सभापति मंडी एसडीएम सदर, डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर, डीएसओ, डिप्टी आरएमओ व सचिव मंडी शामिल हैं। मंडलायुक्त ने अधिकारियों से प्रत्येक बिन्दु की गहनता से जांच करने का निर्देश दिए हैं। इस कार्रवाई से व्यापारियों में खलबली मच गई है।