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तपती धूप पर सुनहरे भविष्य की चमक

गोंडा: स्थान- बीएसए कार्यालय पंतनगर, समय- अपराह्न एक बजे। बुधवार की भरी दोपहरी में तेज धूप से बचने

By Edited By: Published: Wed, 20 May 2015 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2015 10:04 PM (IST)
तपती धूप पर सुनहरे भविष्य की चमक

गोंडा: स्थान- बीएसए कार्यालय पंतनगर, समय- अपराह्न एक बजे। बुधवार की भरी दोपहरी में तेज धूप से बचने की कोशिशों के बीच नियुक्ति पत्र लेने के लिए चल रही भागदौड़, कहीं पर कोई फाइल लिए घूम रहा है तो कहीं पर अपना स्कूल पता करने में लगा हुआ है। महिलाओं की लंबी कतार लगी हुई है। नियुक्ति पत्र पहले पाने को लेकर उनमें जद्दोजहद मची है।

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यह नजारा बीएसए कार्यालय का रहा। दूसरे चरण में प्रशिक्षित हुए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए बुधवार को नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया। यहां पर सुबह से ही अभ्यर्थियों की भीड़ जुट गई। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यहां 503 महिला शिक्षामित्रों को उनकी मनचाही नियुक्ति वाले स्कूलों में तैनाती दी गई। दरअसल, विभागीय अधिकारियों ने इन अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग कराकर पहले स्कूलों का विकल्प लिया था। जिसमें उनकी मनचाही स्कूलों का ब्योरा लेने के बाद उनकी तैनाती दे दी गई। नि:शक्त शिक्षामित्रों को भी उनकी पसंद के विद्यालयों में नियुक्त किया गया। इसके साथ ही शेष बचे शिक्षामित्रों को रोस्टर के माध्यम से तैनाती दी गई। बीएसए डॉ. फतेह बहादुर ¨सह ने बताया कि 928 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन कर दिया गया। उन्हें नियुक्ति पत्र का वितरण कर दिया गया।

नियुक्ति पत्र संग ज्वाइ¨नग

- शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित होने वाले गुरुजी को कार्यभार संभालने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत न होने पावें, इसके लिए इन्हें बुधवार को नियुक्ति पत्र के साथ ज्वाइ¨नग भी करा दी गई। यहां पर जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को तैनात किया गया था। जहां पर नियुक्ति पत्र पाते ही उन्हें कार्यभार ग्रहण कराने की सुविधा दी गई थी।

अब नई जिम्मेदारी

- शिक्षक पद पर समायोजित हुईं मनकापुर की पूनम पांडेय ने कहा कि अब पहले से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। गीता ¨सह ने कहा कि शैक्षिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। अनुराधा का कहना था कि मनचाहे स्कूल में तैनाती के कारण उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। मीरा देवी, रेखा का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों की शैक्षिक सूरत को सुधारने के लिए सभी को जुटना होगा। ऊषा देवी का कहना है कि शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने के बाद गुणवत्ता पूर्ण व्यवस्था पर जोर देना चाहिए।


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