पहले पढ़ाई, अब स्वरोजगार के लिए बनेंगे हुनरमंद
गोंडा 40 वर्षीय राम लखन पढ़े लिखे नहीं थे। साक्षर भारत मिशन से वह पढ़कर नव साक्षर बने। अब उन्हें
गोंडा
40 वर्षीय राम लखन पढ़े लिखे नहीं थे। साक्षर भारत मिशन से वह पढ़कर नव साक्षर बने। अब उन्हें विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाने की योजना तैयार की गई है। जिसमें ट्रे¨नग देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वे आगे आकर स्वरोजगार की मुख्य धारा से जुड़ सकें।
वर्ष 2011 में साक्षर भारत मिशन शुरू किया गया। जिसमें 15 वर्ष से ऊपर के ऐसे लोगों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की योजना बनाई गई, जो पूरी तरह से निरक्षर थे। जिले की हर ग्राम पंचायत पर लोक शिक्षा केंद्र खोले गए हैं, जहां पर दो-दो प्रेरक तैनात किए गए हैं। इनके माध्यम से निरक्षरों को पढ़ाने के साथ ही उनकी प्रतिभा का विकास किया जाता है। छह माह पर इनकी परीक्षा कराई जाती है। इसके बाद इन्हें रिजल्ट कार्ड वितरित किया जाता है। अब ऐसे नवसाक्षरों को पढ़ाई के बाद उनके हुनर को तरासने की योजना बनाई गई है। जिसके तहत इन नवसाक्षरों को जनशिक्षण संस्थानों में व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाना है। जिससे इन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। वर्ष 2011 से अब तक करीब 48 हजार नवसाक्षर बनाए जा चुके हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। बीएसए डॉ. फतेह बहादुर ¨सह ने बताया कि नवसाक्षरों की जानकारी जुटाई जा रही है।
मिला दिशा निर्देश
- जिला समन्वयक रणजीत प्रताप ¨सह का कहना है कि भारत सरकार ने इस संबंध में अलग से दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें व्यवसायिक प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों में साक्षर भारत योजना से सफल प्रतिभागियों की संख्या 80 फीसद हो। बेसिक साक्षरता के पाठ्यक्रम को पूर्ण कर साक्षरता परीक्षा में शामिल होने वाले सफल प्रतिभागियों की सूची जनशिक्षण संस्थान को उपलब्ध कराने को कहा है। इन प्रतिभागियों को इनके द्वारा संचालित व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में से प्रतिभागियों की इच्छानुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इनका मिलेगा प्रशिक्षण
- सिलाई कढ़ाई, ब्यूटीशियन, हाथ की कढ़ाई, आटो दोपहिया मरम्मत, इलेक्ट्रीशियन, पें¨टग, फेब्रिक पें¨टग, स्क्रीन पें¨टग, खिलौना निर्माण।
साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा के निदेशक का इस संबंध में दिशा निर्देश मिला है। जिसे बीएसए को कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
- अजय कुमार उपाध्याय, डीएम गोंडा