सस्पेंस से गरमाई पंचायतों की सियासत
गोंडा: पंचायतों के पुनर्गठन व परिसीमन को लेकर पैदा हुए सस्पेंस ने जिले की सियासत गरमा दी है। एक तरफ
गोंडा: पंचायतों के पुनर्गठन व परिसीमन को लेकर पैदा हुए सस्पेंस ने जिले की सियासत गरमा दी है। एक तरफ आयोग के निर्देश पर मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया गया है, तो दूसरी तरफ प्रमुख सचिव पंचायतीराज के निर्देश पर परिसीमन का कार्य जारी है। ऐसे में चुनाव नये या पुराने परिसीमन पर होगा, इसको लेकर संशय बरकरार है।
त्रिस्तरीय पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य अक्टूबर 2014 में ही शुरू हो गया था। जिले में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर नई पंचायतों के गठन को लेकर शुरुआत से ही खींचतान मची हुई थी। पंचायतों के पुनर्गठन में गड़बड़ियों को लेकर एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन याचिकायें उच्च न्यायालय में दाखिल हो गई थीं। कई बार उठापटक के बाद पंचायतीराज विभाग ने न्यायालय के निर्देश पर लंबित मामलों की सुनवाई करके अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में पुनर्गठन फाइनल करके 178 राजस्व गांवों को पंचायत का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव निदेशालय को भेज दिया था। पुनर्गठन फाइनल होने के बाद पंचायतीराज विभाग ने वार्ड परिसीमन के लिए अवधि बढ़ाने की मांग की थी, जिसपर प्रमुख सचिव पंचायतीराज चंचल कुमार तिवारी ने 11 मई को परिसीमन के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिये थे। प्रमुख सचिव के निर्देश पर पंचायतों के परिसीमन का कार्य चल रहा है। वहीं, पंचायत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मंगलवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया। अब लोग पंचायत चुनाव को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं, जबकि अधिकारी इस मुद्दे पर बोलने से कतरा रहे हैं।
प्रमुख सचिव के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परिसीमन का कार्य किया जा रहा है, अब इस संबंध में कोई निर्देश शासन से नहीं मिला है। ''
-आरएस चौधरी, डीपीआरओ गोंडा
राज्य पंचायत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है, डीएम के निर्देश पर संबंधित तहसील के अधिकारियों को पत्र भेजा जा रहा है।
-राजेश कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानि