रेलवे में नौकरी के नाम पर 20.90 लाख ठगे
गोंडा : रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के नाम पर गोंडा के युवकों से 20.90 लाख रुपये की ठगी का मामला प्र
गोंडा : रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के नाम पर गोंडा के युवकों से 20.90 लाख रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना में गोंडा के आवास विकास कॉलोनी के एक एनजीओ संचालक का नाम भी प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि एनजीओ संचालक ने करीब 12 युवकों से पैसे लेकर नौकरी दिलाने का वादा किया था। यही नहीं, युवकों को दानापुर रेलवे स्टेशन भी ले जाया गया। वहां खेल खुला तो युवकों ने पैसे लौटाने का दबाव बनाया। युवकों को 20.90 लाख की चेक भी दी गई, जो कैश नहीं हो सकी। इस मामले में मंगलवार को भुक्तभोगी शहर कोतवाली गए जहां मुकदमा दर्ज करने के बजाय उन्हें चौकी पर जाने की सलाह दे दी। समाचार लिखे जाने तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
दो सगे भाई अपने भाई के ससुराल हरिवंश खंभरिया निवासी एक व्यक्ति से मिले। वह आवास विकास कालोनी गोंडा में एनजीओ चला रहा है। उसने बातचीत में बताया कि रेल मंत्रालय में अच्छी पहचान है और बिहार में रेलवे की नौकरी मिल सकती है। ग्रुप डी की नौकरी लिए ढाई लाख का खर्च प्रति अभ्यर्थी आएगा। इस बात में बेरोजगार युवक आ गए और ढाई-ढाई लाख नकद रुपये जनवरी ़2013 में दिए। जनवरी माह में इन युवकों को दानापुर स्टेशन ले जाकर इनका डॉक्टरी परीक्षण कराया गया, जिस पर सीनियर डीएमओ दानापुर के हस्ताक्षर हैं। इसके बाद 18 फरवरी ़2013 की तिथि में वीरेंद्र कुमार शुक्ल को ज्वाइ¨नग लेटर मिल गया, जिसमें शैक्षणिक योग्यता व आवासीय पता के कागजात मांगे गये। वीरेंद्र कुमार शुक्ल अपने भाई के साथ दानापुर गये, वहां पर उनसे ट्रेन की गिनती व इंजन नंबर नोट करने के लिए एक कॉपी दी गई। एक सप्ताह बाद उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर न होने पर युवकों ने एतराज जताया तो नौकरी दिलाने वालों ने युवकों को बताया कि भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा एक व्यक्ति दिल्ली जेल चला गया है और उसकी वापसी पर ही तैनाती पक्की हो पाएगी। इस दौरान कुछ को रेल पास व कुछ युवकों के खाते में सीधे 7250 रुपये जमा किए गए। इसे ट्रे¨नग भत्ता बताया गया। छह माह तक युवक इस उम्मीद में घर बैठ गए कि रेलवे भर्ती घोटाला थमने पर काम बन जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बेरोजगार युवक यह ज्वॉइ¨नग लेटर व मेडिकल लेकर दानापुर गये तो वहां कहा गया कि भाग जाओ नहीं तो जेल जाओगे। ये युवक डर के मारे गोंडा भाग आये। एनजीओ संचालक से पैसे की मांग करने लगे तो किसी तरह उसका लड़का मिल गया। लड़के ने इन युवकों को एचडीएफसी बैंक का एक चेक बीस लाख नब्बे हजार का दिया। साथ ही हिदायत दी कि छह माह बाद इस चेक को खाते में लगाया जाए। ठगे युवकों ने इस चेक को छह अप्रैल को बैंक में लगाया तो उसे कैंसिल कर दिया गया। इससे आहत युवकों के होश उड़ गये और हरिभान, प्रवेश, लालजी, समेत अन्य ने स्वयं को ठगा महसूस किया। थकहार कर मंगलवार को वीरेंद्र कुमार निवासी नौबरा थाना मोतीगंज ने बड़गांव पुलिस चौकी में एनजीओ संचालक व उनके बेटे निवासी आवास विकास कालोनी के नाम धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी है। एसपी राजेश पांडेय ने बताया कि यदि ऐसा हुआ है तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।