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हुजूर, जरा एलपीजी कालाबाजारी भी देखिए

गोंडा : गैस किल्लत पर सबसे पहले तो डीएसओ विमल शुक्ल का रोना सुनिये। कहते हैं हमारा काम सिर्फ कालाबाज

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 11:45 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 11:45 PM (IST)
हुजूर, जरा एलपीजी कालाबाजारी भी देखिए

गोंडा : गैस किल्लत पर सबसे पहले तो डीएसओ विमल शुक्ल का रोना सुनिये। कहते हैं हमारा काम सिर्फ कालाबाजारी रोकना है। उनकी बात को यहीं पर विराम देकर आपको उनके आफिस के बगल की एक दुकान का हाल बताते हैं। चाट पकौड़ी के लिए लंबी लाइन लगती है। दिन भर धड़ल्ले से 14 किलो वाले सिलेंडर से एलपीजी फुंकती रहती है। नीली बत्तियां भी यहां से दिन भर गुजरती हैं, मगर जनता को दर्द देने वाले ब्लैकियों का यह कारनामा हाकिमों की फौज को नहीं दिखता। सरकारी चश्मा लगाकर गड़बड़ियों की अनदेखी किया करते हैं। दूसरी तरफ दूरदराज इलाकों से कीमती वक्त और पैसा फूंककर आने वाले एजेंसियों पर गिड़गिड़ाते रहते हैं, मिमियाते हैं, सोर्स सिफारिश भी लगाते हैं मगर शाम को निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। लोड का लेक्चर सुनाया जाता है और फिर चलता कर दिया जाता है..।

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जिले में 24 गैस एजेंसियां संचालित हो रही है। इन एजेंसियों से एक लाख 82 हजार उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति की जा रही है। बीते एक माह से गैस की किल्लत है। सहालग होने के कारण सिलेंडर की मांग बढ़ गई है। जनता की आवाज उठाने वाले जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हैं। गेहूं की मड़ाई- कटाई छोड़कर घरेलू गैस लेने के लिए सुबह ही उठकर लोग मुख्यालय की ओर रवाना हो रहे हैं। लेकिन लोड न आने की बात कहकर उन्हें बैरंग वापस किया जा रहा है। इससे उनकी जेब भी कट रही है। रोजाना चक्कर काटते-काटते उपभोक्ता परेशान हो चुके है। सूत्रों की मानें तो पहले एक-एक एजेंसी पर तीन -तीन ट्रकों के लोड आते थे। लेकिल अब उन एजेंसियों को एक लोड मुहैया हो पा रहा है। एक एजेंसी संचालक ने बताया कि यदि यही आलम रहा तो गैस वितरण कराने के लिए पुलिस कर्मियों का सहारा लेना पड़ेगा। वह लोग इतने कम लोड में उपभोक्ताओं को सिलेंडर नहीं बांट पाएंगे।

इनकी भी सुनिए

-ओंकार स्वरूप निवासी कटरा बाजार ने बताया कि वह तीन दिन से कटरा बाजार से तीस किलोमीटर दूरी तय कर सिलेंडर लेने के लिए आ रहा है। जब तक वह पहुंचता तब तक लोड खत्म होने की बात कहकर टरका दिया जाता है। उसने सिलेंडर लेने के लिए अपनी जेब से पांच सौ रुपए खर्च कर चुका है। लेकिन उसे सिलेंडर नहीं मिल सका है। अब वह सिलेंडर लेने के लिए तभी आएगा जब व्यवस्था ठीक हो जाएगी।


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