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बिजली न पानी, मॉडल स्कूल की यही कहानी

गोंडा: आज का दिन खास है। शिक्षा है अनमोल रतन.. के संकल्प को लेकर नया शिक्षा सत्र शुरू हो रहा है। राष

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 12:01 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 12:01 AM (IST)
बिजली न पानी, मॉडल स्कूल की यही कहानी

गोंडा: आज का दिन खास है। शिक्षा है अनमोल रतन.. के संकल्प को लेकर नया शिक्षा सत्र शुरू हो रहा है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले के कंसापुर में तीन करोड़ रुपये की लागत से मॉडल स्कूल का भवन तैयार हो गया है। यहां पर नए शिक्षा सत्र से शिक्षण कार्य शुरू होना है। बावजूद, तस्वीर अभी साफ नहीं है। यहां पर अभी तक शिक्षण कार्य के लिए न तो स्टाफ की तैनाती हो सकी है, न ही फर्नीचर व अन्य संसाधन। यहां तक कि अभी तक बिजली का प्रबंध भी नहीं हो सका है। यही नहीं, पिछले साल में चयनित किये गये मॉडल स्कूलों में बजट की दरकार है।

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मकसद, गांवों में पढ़ने वा“े बच्चों को बेहतर शैक्षिक माहौल उपलब्ध कराना था। इसके लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से सीबीएसई पैटर्न पर मॉडल स्कूल हर ब्लॉक स्तर पर खोले जाने की योजना तैयार की गई जिसमें शिक्षा क्षेत्र झंझरी के कंसापुर में मॉडल स्कूल बनकर तैयार हो गया है। यहां पर अभी भी असुविधाओं का संकट है। न तो बिजली का कनेक्शन हो सका है, न ही चहारदीवारी। यहीं नहीं यहां परिसर में पेयजल की भी समस्या है। यहां पर कार्यदायी संस्था का काम देख रहे संजय का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। विभाग को हैंडओवर करने की प्रक्रिया चल रही है।

स्टॉफ की कमी

- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के मॉडल स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया अभी चल रही है। जिसके कारण यहां पर पर्याप्त स्टॉफ बाधा बने हुए हैं। वैसे स्थानीय तौर पर विभागीय अधिकारियों ने राजकीय उमावि गिलौली की प्रधानाचार्या कंचन बाला सक्सेना को यहां का अतिरक्त प्रभार सौंपा है।

इनके लिए तो बजट ही नहीं

- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से तरबगंज के खजुरी, बेलसर के आदमपुर, नवाबगंज के कल्यानपुर, वजीरगंज के कोड़र, मुजेहना के जैतापुर, मनकापुर के सिसवा, बभनजोत के कूकनगर ग्रंट, रूपईडीह के फरेंदा शुक्ल, छपिया के चारू व परसपुर के परसपुर में भी मॉडल स्कूल तो स्वीकृत कर दिया गया। बावजूद, इसके विभाग ने इसके लिए बजट जारी नहीं किया। बजट जारी न होने के कारण इन स्कूलों का निर्माण फंसा हुआ है।

शिक्षकों की कमी

- जिले के राजकीय व सहायता प्राप्त माध्यमिक इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की कमी सबसे बड़ी समस्या है। राजकीय इंका में स्वीकृत पद के सापेक्ष करीब एक दर्जन शिक्षक के पद खाली है। शिक्षकों की कमी के कारण समस्याएं कम नहीं हो रही है।

क्या बोले अधिकारी

- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सुदीप पांडेय का कहना है कि कंसापुर का मॉडल स्कूल तैयार है। यहां पर नये शिक्षण सत्र से शिक्षण कार्य शुरू होना है। इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

- जिला विद्यालय निरीक्षक वीके दूबे का कहना है कि कंसापुर मॉडल स्कूल में नये शिक्षा सत्र से शिक्षण कार्य प्रारंभ करने की योजना है।


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