नवाबगंज में मनरेगा घोटाले की 'बू'
गोंडा: क्या बिना श्रम के कोई भी निर्माण कार्य संभव है, इसका जवाब भले ही आपकी तरफ से 'न' हो लेकिन जिल
गोंडा: क्या बिना श्रम के कोई भी निर्माण कार्य संभव है, इसका जवाब भले ही आपकी तरफ से 'न' हो लेकिन जिले में ये अजूबा हुआ है। मनरेगा घोटाले की भले ही सीबीआइ जांच चल रही हो, लेकिन जिले इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। आलम ये है कि निगरानी के बावजूद नवाबगंज ब्लाक में घोटाले की नींव पड़ चुकी है। हालात ये हैं कि एक दर्जन से अधिक गांवों में श्रमांश पर बिना एक पैसा खर्च किये ही, सामग्री मद में 71.97 लाख रुपये आहरित कर लिये गये। हर सप्ताह बैठकों के दौर जारी रहने के बावजूद न तो किसी अधिकारी ने कोई कार्रवाई की और न ही इसकी जांच हो सकी।
मनरेगा योजना में गड़बड़ियों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक गड़बड़ियों का खुलासा अफसरों के संजीदगी की दास्तां बयां कर रही है। मनरेगा योजना में श्रम एवं सामग्री खर्च का अनुपात भले ही 60:40 तय हो, लेकिन यहां तो गड़बड़ियों का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिले के विकास नवाबगंज में मनरेगा योजना के तहत किसी एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में बिना श्रम पर एक पैसा खर्च किये ही 71.97 लाख रुपये खर्च कर दिये गये। जब श्रम पर एक पैसा नहीं खर्च हुआ तो साफ तौर पर कहा जा सकता है कि बिना कोई कार्य कराये ही सरकारी धन हड़प लिया गया। अब हैरत की बात ये है कि जब सारी सूचनायें ऑनलाइन हैं तो फिर अधिकारी किस बात की हर सप्ताह बैठक करके समीक्षा कर रहे थे। यदि अधिकारियों को पता ही नहीं चला तो इसका मतलब कि बैठक में सिर्फ रस्म अदायगी की जाती थी और यदि सबकुछ जानने के बावजूद अधिकारी चुप रहे तो क्या कारण है। फिलहाल, अधिकारी मामले के जांच की बात कह रहे हैं।
किसी गांव में कितना हुआ खर्च
ग्राम पंचायत धनराशि
अकबरपुर 3.16
इंदरपुर 2.64
रेहली 3.14
बहादुरा 1.14
चौबेपुर 18.68
दुल्लापुर 5.78
दत्तनगर 6.17
हरदवा 4.25
इस्माइलपुर 5.78
काजीपुर 5.78
पहली 5.78
सिरसा 3.86
टिकरी 5.78
इनसेट
“बिना मजदूर अंश पर खर्च किये कोई भी निर्माण कार्य मनरेगा में संभव नही है, यदि ऐसा है तो इसकी जांच कराई जायेगी। मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।''
-मृणाल ¨सह, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार