डीपीआरओ आए मगर नहीं हुई ज्वाइ¨नग
गोंडा: अलविदा गोंडा, जन्म से पहले ही मौत हो गई.. ये लाइन किसी अभिनेता के जुबान से निकला डॉयलाग नहीं,
गोंडा: अलविदा गोंडा, जन्म से पहले ही मौत हो गई.. ये लाइन किसी अभिनेता के जुबान से निकला डॉयलाग नहीं, बल्कि सूबे में सियासत के कुरूप चेहरे की एक नजीर भर है। शासन के आदेश पर एक अधिकारी गोंडा में कार्यभार ग्रहण करने के लिए आया, मगर उसे ज्वाइन नहीं कराया गया। इसके बाद अफसर के फेसबुक स्टेटस ने कई सवालों को जन्म दे दिया। चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि आखिर शासन के आदेश के बावजूद अधिकारी को कार्यभार क्यों नहीं ग्रहण कराया गया।
जी हां, यह अधिकारी कोई और नहीं गोंडा में नई तैनाती पाए डीपीआरओ आरएस चौधरी हैं। दरअसल, जिले में तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी प्रवीण मोहन श्रीवास्तव के मेडिकल अवकाश पर जाने के कारण जिले में डीपीआरओ की जिम्मेदारी पीडी डीआरडीए वीरपाल को सौंपी गई थी। इसके बाद शासन ने मेडिकल पर गये डीपीआरओ प्रवीण मोहन श्रीवास्तव का तबादला करते हुए एक पखवारा पूर्व आजमगढ़ में तैनात डीपीआरओ आरएस चौधरी को जिले में तैनाती दी थी। सोमवार को आजमगढ़ से कार्यमुक्त होने के बाद मंगलवार को कार्यभार ग्रहण करने के लिए डीपीआरओ जिले में आये थे, लेकिन मंगलवार को ज्वाइ¨नग नहीं हो सकी। बुधवार को डीपीआरओ ने सुबह डीएम से मुलाकात की थी। इसके बाद भी ज्वाइ¨नग नहीं हो सकी। दिन भर इंतजार के बाद शाम को डीपीआरओ का मोबाइल बंद हो गया। इसके बाद उनके फेसबुक स्टेटस जंगल में आग की तरह मशहूर हो गया, जिसमें उन्होंने ज्वाइन करने से पहले ही गोंडा को अलविदा कह दिया। गोंडा में 48 घंटे की छोटी सी समयावधि ने उन्हें कितनी पीड़ा दी, इसका अंदाजा इसी से बात लगाया जा सकता है कि उन्होंने जन्म से पहले ही मृत्यु जैसे कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। यही नहीं, कुछ लोग दबी जुबान से इसके सियासी मायने तलाश रहे हैं। हालांकि खुलकर कोई कुछ नहीं बोलना चाह रहा है। सवाल उठता है कि शासन से तैनाती मिलने के बाद कार्यभार ग्रहण करने के लिए जो अफसर जिले में आ गया, 48 घंटों में आखिर ऐसा क्या हो गया जो वह वापस लौट गया?
इनसेट
कमेंट कर बताया, ज्वाइन नहीं कराया
स्टेटस लगने के बाद कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी किया कि आखिर ऐसा क्या हो गया, जिस पर आरएस चौधरी ने लिखा 'ज्वाइन नहीं कराया'। हालांकि इस संबंध में देर शाम जब उनके मोबाइल पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच आफ बोलता रहा।
'वह बस्ती जिले के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी यहां से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। यही वजह है कि उन्होंने स्वयं ही ज्वाइन न करने का आग्रह किया है। इसकी सूचना शासन को भी दे दी गई है।'
अजय कुमार उपाध्याय, डीएम गोंडा