10 चोरी, एक दर्ज, शेष अभी बाकी
गोंडा: पुलिस अफसरों के दावे और हकीकत में कितना अंतर है, बुधवार की रात यह तरबगंज कस्बे में दिख गया। ग
गोंडा: पुलिस अफसरों के दावे और हकीकत में कितना अंतर है, बुधवार की रात यह तरबगंज कस्बे में दिख गया। गश्त बढ़ाने के दावों के बीच चोरों ने सड़क किनारे दस दुकानों के ताले तोड़ डाले और जिले की मित्र पुलिस कानोकान खबर तक नहीं लगी। हैरानी की बात यह है कि वारदात तहसील मुख्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर हुई। इस घटना से व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त है।
गुरुवार का सबेरा कस्बे के व्यापारियों के लिए आफत बनकर आया। चोरों की दस्तक से व्यापारियों का चैन छिन गया। बुधवार की रात चोरों ने दीनदयाल चौराहे से कस्बे को जाने वाली सड़क पर स्थित संतलाल गुप्ता की दुकान का ताला तोड़ा। यहां से चोर 30 साड़ी उठा ले गए। अजीत मिश्रा की दुकान का ताला तोड़कर रेडीमेड कपड़े भर लिए। प्रदीप उर्फ बब्बू पांडेय की मोबाइल दुकान में भी चोरों ने तगड़ी चोट दी। यहां से चोर 25 मोबाइल पार कर ले गए। इसके अतिरिक्त बजरंग भुजवा का दो पेटी फल, चंद्र प्रकाश, रामकुमार, कल्लू सैलून के यहां भी चोर जो कुछ मिला लेकर चलते बने। साइकिल दुकान से भी कुछ नकदी और साइकिल पार्ट, स्कूल से अभिलेख आदि भी चोर उठा ले गये। इसके बाद चोरों ने दीनपुरवा में मोहम्मद हुसैन के घर का भी ताला तोड़ा, मगर कामयाबी हाथ नहीं लगी। महत्वपूर्ण बात यह रही कि सड़क के दोनों पटरियों पर चोर दुकानदारों की दुकानों के ताले तोड़ते रहे, उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि किस दुकान में क्या मिल सकता है। लिहाजा कस्बे के लोग बाहरी गिरोह की आशंका जता रहे हैं। सवाल उठता है कि अफसरों के दावों के बावजूद तरबगंज पुलिस रात्रि गश्त के प्रति संवेदनशील नहीं है। पुलिस की नीयत में खोट किस कदर घुस चुका है, इसके लिए तरबगंज की घटना बड़ी नजीर है। दिलचस्प बात यह है कि भले ही दस दुकानों के ताले टूटे हों, मगर पुलिस ने एक मामला चुन लिया। मोबाइल दुकान में चोरी की तहरीर लेकर रपट दर्ज कर दी। थानाध्यक्ष परमहंस यादव ने बताया कि एक मुकदमा दर्ज कर लिया है। शेष बाद में दर्ज किए जाएंगे।