क्रय केंद्रों पर ताला, किसानों का निकल रहा दिवाला
गोंडा : क्रय केंद्रों पर ताला लटका है, किसान अपने धान की फसल औने-पौने दामों पर व्यापारियों के हाथों
गोंडा : क्रय केंद्रों पर ताला लटका है, किसान अपने धान की फसल औने-पौने दामों पर व्यापारियों के हाथों बेचने को विवश हैं। इससे धान की लागत भी निकलनी मुश्किल हो गई है। किसान परेशान हो इधर-उधर भटक रहा है। लेकिन उसकी सुधि लेने वाले जिम्मेदार अधिकारियों का पता नहीं चल रहा है। जबकि डीएम ने क्रय केंद्रों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों की फौज लगा रखी है। बावजूद इसके क्रय केंद्र संचालकों पर किसी भी कार्रवाई का भय नहीं दिख रहा है। यही नहीं, जहां केंद्र खुले भी वहां किसानों के धान को दागी बताते हुए वापस कर दिया जाता है।
जिले में समर्थन मूल्य योजना के तहत 59 क्रय केंद्र खोले गए हैं। इनमें पीसीएफ 39, खाद्य विभाग के तीन, यूपीएसएस के 16 व भारतीय खाद्य निगम का एक क्रय केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों पर कहीं ताला लटका है तो कही पर बोरों पर गांठें नहीं खुल सकी है। जो केंद्र खुले भी हैं वहां किसानों के धान को दागी बताकर बैरंग वापस कर रहे हैं। किसान मजबूरी में अपना धान व्यापारियों को हजार रुपए में बेचने को विवश हैं। जबकि सरकार ने समर्थन मूल्य के तहत किसानों को 1360 रुपए का भुगतान किए जाने का निर्देश दे रखा है। लेकिन किसानों के धान को दागी बताते हुए उन्हें वापस कर दिया जाता है।
- बुधवार को मनकापुर तहसील के अन्तर्गत बल्लीपुर गांव स्थित साधन सहकारी समिति पर ताला लटकता मिला। यहां आए किसान रामगोपाल चौहान ने बताया कि वह अपना धान बेचने के लिए क्रय केंद्र पर आया था। लेकिन प्रभारी नहीं मिले। बताया गया कि वह मीटिंग के लिए मुख्यालय गए हैं। अब वह वापस घर जा रहा है। उसने भाड़े पर ट्रैक्टर लिया था। उसका भी किराया उसे अदा करना पड़ेगा। दुसवा गांव निवासी व किसान ठाकुर विनय सिंह ने क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए गए थे। उन्होंने बताया कि वह करीब 70 कुंतल धान बेचने आए थे।
-कर्नलगंज मंडी में पीसीएफ के केंद्र बंद हैं। किसान अपना धान व्यापारियों के हाथों औने-पौने दामों में बेच रहा है। इससे उसकी लागत भी नहीं निकल पा रही हैं। किसानों ने बताया कि पीसीएफ के केंद्रों से प्रभारी व कर्मचारी नदारत है। आर्यनगर के बनगाई में साधन सहकारी क्रय केंद्र पर ताला लटकता मिला। किसानों ने बताया कि क्रय केंद्र पर तैनात कर्मचारी उन लोगों से धान खरीद मना होने से वह लोग धान नहीं ले रहे हैं। यहां किसान अपना धान लेकर मुख्यालय जाने को विवश हैं।
-तरबगंज तहसील के तहत नौ क्रय केंद्र खोले गए हैं। क्रय केंद्रों पर प्रभारी व कर्मचारी मुस्तैद हैं। यहां आने वाले किसानों के धान को दागी कहकर लौटाया जा रहा है। इससे क्रय केंद्रों की बोहनी नहीं हो रही है। उधर किसान अपनी फसल व्यापारियों के हाथों बेचने को विवश हैं।
-गोंडा नवीन गल्ला मंडी में खाद्य विभाग के क्रय केंद्र खुले हैं। यहां प्रभारी व कर्मचारी मौजूद मिले। वह किसानों के आने की राह तक रहे थे। यही बगल में भारतीय खाद्य निगम का क्रय केंद्र हैं। जहां पर बोरों की गांठ बंधी पड़ी थी। कर्मचारी व अधिकारी नदारत थे। महादेवा कला क्रय केंद्र पर भी सन्नाटा था। यहां कर्मचारियों का पता नहीं था।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
गोंडा : जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी राजेश उपाध्याय ने बताया कि जिलाधिकारी अजय कुमार उपाध्याय ने क्रय केंद्रों के निरीक्षण के लिए अधिकारी नामित कर दिए हैं। यदि क्रय केंद्रों पर ताला लटक रहा है तो किसान अपर जिलाधिकारी या उनके मोबाइल पर फोन कर सूचना दें। उस क्रय केंद्र प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि चार प्रतिशत तक वह लोग धान की खरीद करवा सकते हैं। जबकि चार से अधिक आठ प्रतिशत तक धान दागी निकल रहा है।