जिसका इंटरव्यू देने आए, उसके बारे में ही नहीं जानते
गोंडा: स्थान - अचल प्रशिक्षण केंद्र जिला अस्पताल। बुधवार की दोपहर आयुष चिकित्सक का साक्षात्कार देकर
गोंडा: स्थान - अचल प्रशिक्षण केंद्र जिला अस्पताल। बुधवार की दोपहर आयुष चिकित्सक का साक्षात्कार देकर बाहर निकले एक अभ्यर्थी के चेहरे पर उलझन थीं। बाहर निकलने पर उसने वहां पर मौजूद अभ्यर्थियों से आयुष विधा के बारे में जानकारी बटोरनी शुरू कर दी। आयुष में किन - किन चिकित्सा विधाओं को शामिल किया गया है। इसको लेकर हर किसी के तर्क अलग अलग थे। उसका कहना था कि आयुष में तीन विधाओं का इलाज किया जाता है, जबकि हकीकत में पांच चिकित्सा विधाओं को मिलाकर आयुष बनाया गया है। यहीं नहीं कई ऐसे अभ्यर्थी थे, जिन्हें यहीं नहीं मालूम था कि वह किस कार्यक्रम के लिए साक्षात्कार देने आये हैं। किसी ने एनआरएचएम में साक्षात्कार की बात कहीं, तो किसी ने चुप्पी साध ली। यहीं नहीं अभ्यर्थियों को यह नहीं मालूम था कि जन्म के समय नवजात का वजन कितना होता है। किसी ने 450 ग्राम बताया तो किसी ने 500 ग्राम। यहीं नहीं अभ्यर्थियों को यह तक नहीं पता था कि गर्भावस्था के दौरान माताओं को कब कब टीके लगाये जाते हैं। वैसे यहां पर साक्षात्कार को लेकर भीड़ लगी रही।
टीम ने लिया साक्षात्कार
- आयुष चिकित्सकों के साक्षात्कार के लिए मुख्य विकास अधिकारी जयंत कुमार दीक्षित की अध्यक्षता में समिति ने अभ्यर्थियों से सवाल जवाब किये। यहां पर कुल 160 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. जेपी गुप्त के साथ ही अन्य अधिकारी मौजूद थे।
अभिलेख संभालते रहे अफसर
- साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गयासुल हसन, जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी विपिन शुक्ला, डॉ. देवेंद्र श्रीवास्तव, जिला कम्युनिटी प्रबंधक डॉ. आरपी सिंह के साथ ही अन्य अधिकारी व कर्मी एक - एक अभ्यर्थी के अभिलेखों का मिलान करते नजर आये।