दीप पर्व पर आंसू बहायेगा धरती का 'भगवान'
गोंडा: दीप पर्व के पावन अवसर पर सब लोग अपने घरों से अंधियारा मिटाने के लिए दीये जलायेंगे, लेकिन एक ऐ
गोंडा: दीप पर्व के पावन अवसर पर सब लोग अपने घरों से अंधियारा मिटाने के लिए दीये जलायेंगे, लेकिन एक ऐसा तबका है जिसके घर की रोशनी चीनी मिलों ने छीन ली। देवीपाटन मंडल में एक तरफ जहां आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी, वहीं दूसरी तरफ चीनी मिलों ने भी सितम ढा दिया। आलम ये है कि दूसरों के घर रोशन करने वाला धरती का भगवान आज दीपावली में अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। मंडल की सात चीनी मिलों पर अभी भी 168 करोड़ रुपये की देनदारी है।
देवीपाटन मंडल के अधिकांश किसान नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती करते हैं। पेराई सत्र 2013-14 में मंडल की दस चीनी मिलों ने 669.44 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद दारी किसानों से की थी। गन्ना मूल्य के रूप में मिलों को 1835.03 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को करना था, लेकिन अभी तक चीनी मिलें 1666.09 करोड़ रुपये का ही भुगतान कर सकी हैं। ऐसा तब है जब उच्च न्यायालय 31 अक्टूबर तक हरहाल में बकाया मूल्य का भुगतान करने का फरमान जारी कर चुका है। गन्ना विभाग के अनुसार नये पेराई सत्र की शुरुआत हो चुकी है, फिर भी मंडल सात चीनी मिलें किसानों का 168 करोड़ रुपये दबाये बैठी हैं। किसानों पर पहले बाढ़, सूखा व हुदहुद और अब चीनी मिलें कहर ढा रही हैं। नतीजा यह है कि अपना ही पैसा न मिलने से किसानों की दीवाली फीकी रहेगी।
मंडल में बकाया गन्ना मूल्य पर एक नजर
मिल का नाम बकाया धनराशि
बलरामपुर 1130.38
तुलसीपुर 586.32
इटईमैदा 5990.77
मनकापुर 806.45
मैजापुर 311.02
कुंदुरखी 2371.80
चिलवरिया 5696.75
योग: 16893.49
नोट: यह आंकडे़ 21 अक्टूबर तक हैं,धनराशि लाख रुपये में है।
''बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं, फिर भी दीपावली से पहले यदि किसानों को पूरा पैसा मिल जाता तो ये किसी तोहफे से कम नहीं होता। फिलहाल, इतना जरूर है कि अपनी ही पूंजी न मिलने से किसानों को थोड़ी दिक्कत जरूर होगी। ''
- अमर सिंह यादव, संयुक्त आयुक्त गन्ना