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छह हजार स्कूलों व आगनबाड़ी केंद्रों पर छापा, हड़कंप

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 11:29 PM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 11:29 PM (IST)
छह हजार स्कूलों व आगनबाड़ी केंद्रों पर छापा, हड़कंप

गोंडा: आम का पेड़, पेड़ के नीचे बिछी टाटपट्टी, पेड़ के बगल कुर्सी रखकर उस पर श्याम पट्ट। जिस पर सवाल लिखते शिक्षक, सामने बैठे 225 बच्चे। यहां पर शिक्षक भी नहीं है, उधार के शिक्षक पठन पाठन करा रहे हैं। यह नजारा गुरुवार को शिक्षा क्षेत्र पंड़रीकृपाल के प्राथमिक विद्यालय सिसई का रहा। वह भी तब जब शिक्षा व बाल विकास विभाग के लिए गुरुवार का दिन खास था। सुबह नौ बजे से लेकर शाम चार बजे तक 3140 स्कूल व 3095 आंगनबाड़ी केंद्र खुले रहे। प्रशासन की टीम ने स्कूलों का सच देखा। कई स्कूलों मे जांच अधिकारी पहुंचे ही नहीं, जबकि कई जांच अधिकारी आवंटित स्कूलों के स्थल को लेकर चक्कर काटते रहे। आलम यह रहा कि इन सबके बीच एक और स्कूल में पेड़ के नीचे सरकारी पाठशाला चलती रही, जबकि कई जगह पर अन्य खामियां मिली। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट एकत्र की जा रही है, रिपोर्ट संकलित होने के बाद कार्रवाई होगी।

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जिलाधिकारी अजय कुमार उपाध्याय ने जिले के सभी परिषदीय विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों की गुरुवार को एक साथ जांच का फरमान जारी किया था। इसके लिए अधिकारियों की टीम लगायी गयी थी। स्कूलों में 42 बिंदुओं पर जांच करके रिपोर्ट देनी थी, जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों की भी बिंदुओं पर पड़ताल की जानी थी। जांच को लेकर जहां कई अधिकारी सही रास्ता न मिलने के कारण भटकते मिले। जांच अधिकारियों की मानें तो सबसे ज्यादा दिक्कत नवीन विद्यालयों में रही। इस वर्ष से शुरू हुए नये विद्यालयों में शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने गुरुजी की तैनाती तो कर दी गयी, लेकिन अभी तक उनके पास खाता संचालन का अधिकार न होने से स्थिति ठीक नहीं मिली। यहीं नहीं इन स्कूलों में शिक्षकों तक को बैठने की व्यवस्था नहीं मिली। वैसे कई अन्य खामियां भी निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को मिली है। कहीं पर अभिलेख अपूर्ण है, तो कहीं पर अन्य दिक्कत। यहीं नहीं प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट सिविल लाइन में बच्चों की उपस्थिति तो थी, लेकिन शाम तक जांच अधिकारी हीं नहीं आये। यही स्थिति प्राथमिक विद्यालय सिसई का भी रहा। यहां भी जांच अधिकारी नहीं पहुंचे। यहीं हाल बभनजोत क्षेत्र के स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों का रहा। यहां भी अधिकारी नदारद दिखे।


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