41 दिन, 345 करोड़ का भुगतान, कैसे होगा?
गोंडा: बकाया गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को दिलाने के लिए हाईकोर्ट का चाबुक चीनी मिलों पर कितना असर डालता है, ये तो आने वाला समय बतायेगा। लेकिन 41 दिन में 345.56 करोड़ का भुगतान करा पाना प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। फिलहाल, किसानों की उम्मीदें उच्च न्यायालय के फरमान के बाद एक बार फिर जग गई हैं।
देवीपाटन मंडल के गन्ना किसानों को अपनी गाढ़ी कमाई मिलों से हासिल करना चुनौती बना हुआ है। मंडल के गोंडा, बहराइच व बलरामपुर में स्थापित दस चीनी मिलों को किसानों को पेराई सत्र 2013-14 में 669.44 लाख क्विंटल गन्ना बेंचा था। मिलों को गन्ना मूल्य रूप में 1835.03 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को करना था, लेकिन अभी तक महज 1489.46 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को हो सका है। मंडल की नानपारा, जरवलरोड व परसेंडी को छोड़कर अन्य सात मिलों पर गन्ना मूल्य के रूप में 345.56 करोड़ रुपये की देनदारी है। हाल ही में उच्च न्यायालय ने 31 अक्टूबर तक बकाया मूल्य का भुगतान किसानों को करने का निर्देश चीनी मिलों को दिया है। गन्ना आयुक्त सुभाष सिंह ने डीएम को पत्र भेजकर मिलों के पास उपलब्ध चीनी की बिक्री कराकर गन्ना मूल्य का भुगतान कराने का निर्देश दिया है। ऐसे में महज 41 दिनों में 345 करोड़ का भुगतान किसानों को करा पाना प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
इनसेट
किस मिल पर है कितना बकाया
मिल धनराशि
बलरामपुर 2511.94
तुलसीपुर 2117.23
इटईमैदा 9780.60
मनकापुर 1170.46
मैजापुर 931.99
कुंदुरखी 11884.20
चिलवरिया 6160.04
योग: 34556.46
नोट: धनराशि लाख रुपये में है।
''उच्च न्यायालय ने सभी चीनी मिलों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान 31 अक्टूबर तक करने का निर्देश दिया है, इस संबंध में गोंडा, बलरामपुर व बहराइच के गन्ना अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं।''
- अमर सिंह यादव, संयुक्त गन्ना आयुक्त देवीपाटन मंडल