13 सीएमओ से तलब किए अभिलेख
गोंडा: जापानी इंसेफ्लाइटिस व एक्यूड इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम रोग के मृतक एवं विकलांगों को उपलब्ध करायी गयी आर्थिक सहायता की पड़ताल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शुरू कर दी है। आयोग ने देवीपाटन मंडल के चारों जिलों सहित 13 जिलों के सीएमओ से अभिलेख तलब किया है।
पूर्वाचल में जापानी इंसेफ्लाइटिस व एक्यूड इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहर बरपा रहा है। इस पर रोकथाम की कोई कोशिशों के बाद भी हाल सुधर नहीं रहा है। वैसे प्रशासन इस बीमारी से मरने वाले मरीजों के परिजनों व विकलांगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है। वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में उपलब्ध करायी गयी सहायता की पड़ताल शुरू हो गयी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में साक्ष्य तलब किए हैं। जिसमें आयोग ने सीएमओ से जाना चाहा है कि जेई व एईएस से बीमार लोगों को वितरित किए गए अनुदान की धनराशि चेक अथवा ड्राफ्ट का विवरण, चेक जारी करने वाले बैंक का नाम, चेक नंबर, दिनांक, लाभार्थी को अनुदान दिये जाने का प्रकार सहित अन्य जानकारियां मांगी गयी है।
आयोग ने इस बात पर नाराजगी जतायी है कि इस सूचना को उपलब्ध कराने के लिए कई बार निर्देश जारी किए गए, बावजूद अभी तक जानकारी नहीं दी गयी है। इस पर स्वास्थ्य महानिदेशक ने इन जिलों के सीएमओ को निर्देश दिया है कि तत्काल संबंधित सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। सीएमओ डॉ. जेपी गुप्त ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सूचना भेजी गयी थी, दोबारा भेजी जा रही है।
ये जिले है शामिल
- गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, मऊ, सीतापुर, गाजीपुर व अमेठी।
सभी सीएमओ को निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जापानी इंसेफ्लाइटिस व एक्यूड इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम के मरीजों को दिये गये अनुदान के बाबत मांगी गयी सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराया जाये। इसमें अगर लापरवाही की स्थिति मिलती है तो संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
- डॉ. एसएन ओझा, अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल