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कहां गया 8.44 करोड़ रुपये का हिसाब

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 11:33 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 11:33 PM (IST)
कहां गया 8.44 करोड़ रुपये का हिसाब

गोंडा: बेसिक शिक्षा विभाग को अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण के लिए मिले आठ करोड़ 44 लाख रुपए का हिसाब नहीं मिल रहा है। लेखा परीक्षा की आपत्ति के बाद अब अधिकारियों ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी ने खुद मामले का संज्ञान लेते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को बुधवार तक हर हाल में उपभोग प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने को कहा है। वैसे आडिट टीम इससे पहले भी कई मामलों का खुलासा कर चुकी है।

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सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय से वर्ष 2008-09 से 2012-13 तक जिले के 420 स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण के लिए कुल 8 करोड़ 44 लाख बीस हजार रुपए की धनराशि जारी की गयी थी। प्रति अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण के लिए दो लाख एक हजार रुपए खर्च किये जाने थे। इन कक्षा कक्षों से संबंधित ग्राम शिक्षा समिति व वार्ड शिक्षा समिति के खाते में धनराशि हस्तांरित करते हुए निर्माण कार्य की गुणवत्ता मानक के अनुसार कराये जाने का निर्देश दिया गया था। भवन के निर्माण कार्यो का तकनीकी पर्यवेक्षण व अनुश्रवण अवर अभियंताओं व सहायक अभियंताओं का चयन व नामांकन कराकर कार्रवाई की जानी थी। इसके तहत धनराशि स्कूलों को जारी कर दी गयी, बावजूद इसके हाल यह है कि दो साल बीतने के बाद भी अभी तक विभाग के पास इसके उपभोग का ब्यौरा नहीं है। यह धनराशि कहां कितनी खर्च की गयी है, जैसे सवालों से बेसिक शिक्षा विभाग परेशान है। इस पर महालेखा परीक्षक ने गहरी नाराजगी जतायी थी। महालेखा परीक्षक ने इस मामले को लोक लेखा समिति के प्रस्तर में शामिल करने की बात कही है।

जिलाधिकारी अजय कुमार उपाध्याय ने जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों व ब्लाक समन्वयकों को निर्देश दिया है कि इस धनराशि के उपभोग से संबंधित प्रमाणपत्र हर हाल में बुधवार तक बीएसए को उपलब्ध करा दिया जाय, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

आडिट ने खोले थे राज

- कंपोजिट विद्यालय के निर्माण में अधोमानक सामग्रियों के प्रयोग तथा निर्माण कार्य के अभी तक अपूर्ण होने का मामला उठाया था। जिसमें 54 लाख 93 हजार रुपए के खर्च पर आपलित जाहिर की गयी थी। यहीं नहीं वर्ष 2011-12 में नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के भुगतान में भी बगैर सक्षम अधिकारी से अनुमति से कार्रवाई करने का मामला उजागर किया था। साथ ही कई अन्य योजनाओं के खर्च पर भी सवाल खड़े किए थे।

धनराशि आवंटित

- सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. रमेश चंद्र चौबे ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में यूनिफार्मो के वितरण को लेकर साढ़े नौ करोड़ की धनराशि की पहली किश्त आवंटित कर दी गयी है।

निरीक्षण की तैयारी पूरी

- बीएसए डॉ. फतेह बहादुर सिंह ने कहा है कि गुरुवार को होने वाले निरीक्षण की तैयारी पूरी कर ली गयी है। इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। निरीक्षण में शैक्षिक बिंदुओं की विभिन्न गतिविधियों की जांच की जाएगी।


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