कहीं पर खुशी, कहीं पर बेबसी
गोंडा: दो दिनों से शुरू हुई बरसात से जहां आम किसानों के चेहरे खिल गए हैं, वहीं पर नदियों का जलस्तर बढ़ने से कर्नलगंज व तरबगंज तहसील के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की बेचैनी बढ़ने लगी है। बावजूद इसके नदियों का जलस्तर शाम को एक बार फिर घटने लगा है। वैसे अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है।
सितंबर माह में होने वाली बारिश से जहां आम किसानों को मुंहमांगी मुराद मिल गयी है। बारिश होने के कारण धान की फसलों को जैसे संजीवनी मिल गयी है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. उपेंद्र सिंह की मानें तो दो दिनों में हुई बारिश ने किसानों की परेशानी को काफी कम कर दिया है। यह बारिश हर दृष्टि से किसानों के लिए बेहतर है। एक तो इतनी बारिश नहीं हुई है कि खेतों में जल जमाव के कारण फसलों को कोई दिक्कत हो। हवाओं की गति भी मंद होने से किसानों के मक्के की फसल भी बेहतर होने की उम्मीद है।
बारिश से दूसरी ओर नदियों के तेवर बदल गए है। सुबह दस बजे सरयू नदी का जलस्तर 92.41 मीटर रिकार्ड किया गया था, जो शाम को चार बजे तक भी इसी स्तर पर रहा। बताया जाता है कि सरयू स्थिर है। इसके साथ ही घाघरा नदी का जलस्तर सुबह दस बजे 106.1 मीटर था, जो शाम को चार बजे कम हो गया। शाम चार बजे घाघरा का जलस्तर 105.89 मीटर रिकार्ड किया गया। फिलहाल दोनों नदियां लाल निशान से नीचे बह रही है, बावजूद इसके बाढ़ प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों की बेचैनी बढ़ गयी है। एसडीएम कर्नलगंज वीके सिंह का कहना है कि नदियां बढ़ रही है, लेकिन कोई चिंता की बात नहीं है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर चुके हैं।
स्थिति पर है नजर
- एडीएम राकेश कुमार मालपाणी का कहना है कि बारिश के कारण नदियों का जलस्तर कुछ बढ़ा है। स्थिति पर पूरी नजर है। क्षेत्र में तैनात अफसरों से जानकारी ली जा रही है।
रक्त की करें जांच
- सीएमओ डॉ. जेपी गुप्ता का कहना है कि नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ चौकियों पर तैनात स्टाफ को पूरी सतर्कता बरतने को कहा गया है। सभी के रक्त का परीक्षण करने के साथ ही दवाओं का छिड़काव करने को कहा गया है।