राडार पर आए मंडल के बीस डॉक्टर
गोंडा: तैनाती के बाद से ही चिकित्सकों के गायब रहने की आ रही शिकायतों पर अब विभाग गंभीर हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने देवीपाटन मंडल के चारों जिलों में बीस ऐसे डॉक्टरों को चिह्नित किया है, जो लंबे समय से गायब हैं। इन सभी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की गोपनीय रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजी गयी है। साथ ही संबंधित जिलों के सीएमओ को इनके खिलाफ चार्जशीट तैयार करने को कहा गया है।
अफसरों के पास आये दिन चिकित्सकों के गायब रहने की शिकायतें आ रही है। कहीं पर कोई तैनाती के बाद से गायब है, तो कहीं और प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा है। गोंडा जिले में तैनात दो चिकित्सकों के तैनाती स्थल पर न रहने व गैर जिले में प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायतें विभागीय अधिकारियों को मिल चुकी है। जिसकी जांच भी अधिकारी कर रहे हैं। बावजूद इसके न तो सूरत बदल रही है, न ही सीरत बदल रही है। कई स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था फार्मासिस्टों ने संभाल रखी है। पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग में सूबे के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरविंद कुमार ने अधिकारियों को ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करके रिपोर्ट देने को कहा था।
देवीपाटन मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. एसएन ओझा ने बताया कि गोंडा में तीन, बहराइच में चार, बलरामपुर में 13 चिकित्सकों को चिंहित किया गया है, जो तैनाती के बाद से लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीएमओ स्तर से मिली सूचना के आधार पर पूरी रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजी गयी है। साथ ही संबंधित सीएमओ को आरोपपत्र तैयार करने को कहा गया है।
भुगतते मरीज
- चिकित्सकों के गायब होने से मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। कई जगहों पर मरीजों का इलाज फार्मासिस्टों के भरोसे हैं। अधिकारियों के निरीक्षण में मामला आने के बाद भी कोई खास असर नहीं पड़ा। पिछले दिनों परसपुर विकास मंच ने चिकित्सकों की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी।
'' अस्पतालों में चिकित्सकों की उपस्थिति की पड़ताल के लिए चारों जिलों के सीएमओ को सतत रूप से निरीक्षण करने को कहा गया है। निरीक्षण में अनुपस्थित चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई को कहा गया है। ''
- डॉ. एसएन ओझा, अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल