रेड सिग्नल दिखा तो लगानी पड़ी इमरजेंसी ब्रेक
गोंडा: गोंडा-गोरखपुर रेल मार्ग पर दोपहर के तीन बजकर 9 मिनट का वक्त, तपती धूप में भी रेल लाइन के विद्युतीकरण में जुटे 60 मजदूर, एकाएक सामने आ पहुंची लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस। जी हां.. यह सब कुछ गुरुवार को हुआ। मसकनवां-लखपतनगर के बीच रेल लाइन के हो रहे विद्युतीकरण काम में गुरुवार को काम कर रहे मजदूरों में उस समय हाहाकार मच गया, जब लाल झंडी को तोड़ते हुए लोकमान्य एक्सप्रेस को आते देखा। बहरहाल, ड्राइवर ने काफी मशक्कत करके इमरजेंसी ब्रेक लगायी, जिससे ट्रेन बमुश्किल 50 मीटर पहले ही रुक गयी। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। वैसे रेलवे के अधिकारियों ने यहां पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
गुरुवार को मसकनवा व लखपतनगर के बीच 620/5 व 619/5 के मध्य रेलवे विद्युतीकरण का कार्य चल रहा था। इसके लिए सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक कार्य होना था। इस मार्ग पर 100 किमी की रफ्तार से काशन पर गाड़ियां चलाने का निर्देश था। विद्युतीकरण कार्य के दौरान 620/4 पर लाल झंडा लगाकर मजदूर काम कर रहे थे। यहां पर 60 मजदूर विद्युतीकरण का काम करने में लगे हुए थे। इसी बीच अपराह्न 3.07 बजे लखपतनगर से लोकमान्य एक्सप्रेस डाउन निकली, जो जहां पर काम हो रहा था, वहां के नजदीक पहुंच गयी। दरअसल रेल लाइन पर मोड़ होने के कारण ड्राइवर को लाल झंडा नहीं दिखा। नजदीक पहुंचने पर जब ड्राइवर को लाल झंडा दिखा, तो वह भौंचक रह गया। फिलहाल उसने इमरजेंसी ब्रेक लगायी, लेकिन तब तक एक्सप्रेस ट्रेन लाल झंडी को पार करते हुए आगे बढ़ गयी। लाल झंडी को तोड़कर ट्रेन आते देख वहां पर मौजूद मजदूरों में भगदड़ मच गयी। फिलहाल ट्रेन जहां पर मजदूर काम कर रहे थे, वहां से पचास मीटर पहले ही रुक गयी। ट्रेन के रुकने के बाद मजदूरों ने राहत की सांस ली। इसके बाद ट्रेन चालक ने मसकनवां स्टेशन पर ट्रेन को खड़ा कर दिया। मेमो स्टेशन मास्टर को दिया। करीब आधे घंटे ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही। जिससे दोनों तरफ जाम लग गया। मामले की जांच अजय कुमार लोको इंस्पेक्टर, पीडब्ल्यूआइ के ओपी त्रिपाठी व एक अन्य अधिकारी को सौंपी गई है। इस संबंध में एरिया मैनेजर नरेंद्र नाथ ने बताया कि अभी तक इस मामले की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने घटना की पुष्टि की।