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आपदा में फंस गई खरीफ की 'लाइफ'

By Edited By: Published: Sun, 24 Aug 2014 10:56 PM (IST)Updated: Sun, 24 Aug 2014 10:56 PM (IST)
आपदा में फंस गई खरीफ की 'लाइफ'

गोंडा: एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ सूखा ऐसे में खरीफ फसलों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। देवीपाटन मंडल के गोंडा, बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती में 6.80 लाख हेक्टेयर पर बोई गई खरीफ फसलों को बचा पाना किसानों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक पिछले तीन माह में सिर्फ 575 मिलीमीटर वर्षा हुई है।

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कृषि विभाग हर साल कृषि क्षेत्रफल में वृद्धि के साथ ही अनाज की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार करता है। खरीफ, रबी, व जायद की तैयारी अलग-अलग की जाती है। खरीफ के रूप में धान की खेती बारिश पर आधारित होती है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून के पिछड़ने से कम बारिश के अनुमान था। इन सबके बावजूद देवीपाटन मंडल के चारो जिलों में 6.80 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल के रूप में करीब एक दर्जन फसलों की बुवाई की गई है। लेकिन सरकारी मंशा पर इस बार बाढ़ व सूखे ने पानी फेर दिया है। गोंडा, बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती जिले में बाढ़ के कारण फसलें डूब गई हैं, वहीं समय से बारिश न होने के कारण फसलें सूख रही है। ऐसे में खरीफ की जिंदगी बाढ़ व सूख की बीच फंस गई है।

मंडल में खरीफ फसल के उत्पादकता व आच्छादन पर एक नजर

फसल उपलब्धि आच्छादन

धान 466517 471182

मक्का 142097 143518

बाजरा 26 55 ज्वार 200 202

मोटे अनाज 69 70

उरद 4537 4582 मूंगफली 1808 1817 तिल 1087 1092 सोयाबीन 51 52

अरहर 19420 19614

योग- 635812 680010

नोट: उपलब्धि खरीफ फसल 2013 व आच्छादन 2014 का है, जो हेक्टेयर में दर्शाया गया है।

खरीफ फसल में वर्ष वार बारिश के आंकड़ों पर एक नजर

वर्ष बारिश

2010 800.00

2011 1011.13

2012 837.48

2013 837.52

2014 575.12

नोट: खरीफ फसल के रूप में जून, जुलाई, अगस्त व सिंतबर माह की बारिश रिकार्ड की जाती है, बारिश मिलीमीटर में है।

फसलों को बचाना बड़ी चुनौती

''बारिश कम होने से किसान परेशान हैं, वहीं बाढ़ के कारण चारों जिले में फसलें डूब गई हैं। ऐसे में फसलों को बचाना किसानों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। पानी में डूबी फसलें तेज धूप होने के कारण सड़ जायेंगी। ''

-आरसी शुक्ल, संयुक्त कृषि निदेशक देवीपाटन मंडल


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