तटबंध मरम्मत के लिए नहीं है पर्याप्त धन
गोंडा: '' सर, तटबंध की मरम्मत के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है, जिससे पहले तो काम कराने की टेंशन है, उसके बाद पेमेंट न होने पर ठेकेदार कोर्ट चले जाते हैं। जिस पर मुकदमे की पैरवी का दबाव रहता है। यही नहीं उधारी पर काम करने के लिए कोई ठेकेदार जल्दी तैयार नहीं होता है।''
यह पीड़ा तटबंध की मरम्मत में लगे बाढ़ खंड के अधिकारियों की है। रविवार को तटबंध का जायजा लेने पहुंचे देवी पाटन मंडलायुक्त रवि प्रकाश अरोड़ा के समक्ष अफसरों ने यह दर्द बयां किया तो सभी हैरत में पड़ गए। बहरहाल, आयुक्त ने तटबंध के संवेदनशील स्परों पर युद्धस्तर पर कार्य करके बंधे को मजबूती प्रदान करने निर्देश देने के साथ ही दोबारा प्रस्ताव भेजने को कहा है।
देवीपाटन मंडल के आयुक्त रवि प्रकाश अरोड़ा ने रविवार को एल्गिन चरसड़ी तटबंध के स्पर दो, तीन व चार का औचक निरीक्षण किया। आयुक्त ने कहा कि इससे गोंडा के 117 गांव, बाराबंकी के 11 गांव व बहराइच का एक गांव सुरक्षित है। इसलिए बंधे को हर कीमत पर बचाना है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वह स्वयं कैंप करके बंधे पर पैनी नजर रखें। मरम्मत कार्य में तेजी लाये। जो भी मरम्मत कार्य करवाया जाये, उसमें गुणवत्ता होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान रायपुर मांझा के निवासियों ने आयुक्त से मिलकर अपनी समस्या बताते हुए तटबंध को पक्का कराने की मांग की। जिससे 129 गांव सुरक्षित रह सके। इस पर आयुक्त ने कार्रवाई का आश्वासन ग्रामीणों को दिया।
शाम को आयुक्त ने नवाबगंज क्षेत्र के पटपरगंज बाढ़ राहत केंद्र का निरीक्षण किया। यहां पर बाढ़ का पानी उतरने के बाद स्वास्थ्य विभाग को दवाओं का छिड़काव कराने के साथ ही संक्रामक बीमारी न फैलने पाये, इसकी रोकथाम के निर्देश दिये। इस अवसर पर एडीएम राकेश कुमार मालपाणी, सीएमओ डॉ. जेपी गुप्त सहित बाढ़ खंड व तहसील प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
जवाब तलब
- बाढ़ राहत शिविर पटपरगंज से अनुपस्थित नवाबगंज के सहायक विकास अधिकारी पंचायत से आयुक्त ने जवाब तलब किया है। आयुक्त ने कहा कि राहत शिविर अथवा बाढ़ चौकी पर अधिकारी व कर्मचारी अगर अनुपस्थित मिलते हैं तो अब कार्रवाई की जायेगी।
अभी भी जुगाड़
- एक ओर जहां एल्गिन ब्रिज चरसड़ी तटबंध पर कटान चल रही हैं, वहीं पर अफसर अभी भी बालू व लकड़ी से बने जुगाड़ का सहारा ले रहे हैं। यहीं नहीं रिंग बांध पर भी जगह-जगह दरार आने से मुश्किलें कम नहीं हो रही है।