आधा दर्जन स्परों पर कटान शुरू
गोंडा: नदियों का जलस्तर घटने के साथ ही मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एल्गिन- चरसड़ी तटबंध के रेड जोन एरिया में बनाए गए आधा दर्जन स्पर पर कटान शुरू हो गया है। इसका करीब 25-25 मीटर स्पर नदी में समा गया। वहीं बांध को बचाने के लिए किनारे-किनारे बनाए गए बंबोक्रेट व नायलान क्रेट घाघरा के तेज बहाव में बह गए। हालांकि अधिकारी स्थिति पर नजर रखने की बात कह रहे हैं।
सरयू नदी रविवार को खतरे के निशान से सात सेमी. नीचे आ गयी है। जबकि घाघरा नदी अभी भी खतरे के निशान से 30 सेमी. से ऊपर बह रही है। यहीं नहीं एल्गिन-चरसड़ी तटबंध पर खतरा बढ़ता जा रहा है। यहां पर कटान तेज होने से रविवार को हुई तेज बहाव ने तटबंध की मुश्किलों को और भी बढ़ा दिया है। ग्राम रायपुर व काशीपुर, प्रतापपुर के सामने स्थित तटबंध के समीप घाघरा की कटान के मद्देनजर करीब सवा करोड़ रुपए खर्च करके आधा दर्जन स्पर बनाए गए थे। यहां पर कट वन को मुख्य ठोकर के रुप में उपभोग किया जा रहा था। यहीं नहीं स्परों के साथ-साथ तटबंध के नजदीक बल्ली की बैरीकेडिंग कर बालू की बोरियां भरी गयी थी। जिसे विभाग बंबोक्रेट एवं नायलान क्रेट का नाम देख रहा है। रविवार को हुई कटान की चपेट में इसके आने से बाढ़ खंड के अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गयी है। घाघरा के बाढ़ के पानी ने स्पर नंबर एक पर करीब 15 मीटर, दो नंबर पर 12 मीटर, तीन नंबर पर 25 मीटर, चार पर 20 मीटर, पांच पर 25 मीटर व छह नंबर पर 25 मीटर की कटान हुई। सहायक अभियंता बाढ़ एके श्रीवास्तव भी स्वीकार कर रहे हैं कि नदी की कटान बहुत तेजी से हो रही है। स्परों की कटान हो रही है। बंबोक्रेट व नायलान क्रेट नदी में बह चुके हैं। बरसात के चलते बचाव व राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। एसडीएम कर्नलगंज वीके सिंह का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
इधर, नवाबगंज क्षेत्र में साकीपुर, जैतपुर सहित अन्य ग्राम सभाओं में पानी तो घटा है, लेकिन कई अन्य समस्याएं पैदा हो गयी है। कहीं पर कटान की दस्तक से लोग परेशान है, तो कहीं पर बीमारी का संकट है। जिला पूर्ति अधिकारी विमल शुक्ला ने जैतपुर में बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री का वितरण किया। एडीएम राकेश कुमार मालपानी का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ खंड के अभियंताओं को मौके पर भेजा गया है।